लॉकडाउन लगा तो जीडीपी में हर हफ्ते 10 हजार करोड़ का होगा नुकसान

मुंबई– देश में कोविड के एक्टिव मामले जिस रफ्तार से बढ़ रहे हैं वह इकोनॉमी के लिए अच्छी बात नहीं है। दरअसल, आर्थिक रूप से अहम इलाकों में छिटपुट लॉकडाउन हो रहा है, वहां नाइट कर्फ्यू लगाया जा रहा है। इसके चलते आर्थिक गतिविधियां घट रही हैं जिससे GDP में हर हफ्ते 1.25 अरब डॉलर यानी 9,400 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। इस बात का जिक्र बार्कलेज ने सोमवार को जारी रिपोर्ट में किया है। 

बार्कलेज के लिए रिपोर्ट तैयार करने वाले उसके चीफ इंडिया इकोनॉमिस्ट राहुल बजोरिया कहते हैं, ‘अगर कोविड के चलते लगाई जा रहीं पाबंदियां मई अंत तक जारी रहती हैं तो देश की GDP में कुल 10.5 अरब डॉलर (79,238 करोड़ रुपए) की कमी आ सकती है। इस हिसाब से पूरे वित्त वर्ष में नॉमिनल ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (GDP) 0.34% घट सकता है जबकि जून क्वॉर्टर में नॉमिनल GDP लगभग 1.4% घट सकता है।’ 

मार्च 2021 में बार्कलेज ने कहा था कि कोविड के चलते दो महीने के लिए भी लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगती है तो इंडियन इकोनॉमी को 5.2 अरब डॉलर (39,257 करोड़ रुपए) के बराबर का प्रोडक्शन लॉस हो सकता है। यह लॉस देश के नॉमिनल GDP के 0.17% के बराबर होगा। हालांकि उसने मार्च 2022 में खत्म होनेवाले वित्त वर्ष में रियल GDP ग्रोथ 11% रहने का अनुमान बनाए रखा है, लेकिन यह भी कहा है कि अगर पाबंदियां सख्त की जाती हैं या अहम इकोनॉमिक सेंटर में लॉकडाउन होता है तो रियल GDP में कमी आएगी। 

जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी के कोविड ट्रैकर के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में भारत में कोविड के 1,68,912 नए केस सामने आए हैं। इस हिसाब से अमेरिका (1,32,67,359) के बाद इंडिया में कोविड के सबसे ज्यादा 1,35,27,717 केस हैं। इन सबके बीच महाराष्ट्र और दिल्ली सहित कई राज्यों की सरकारों ने अपने यहां लोगों की आवाजाही पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया है। 

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