श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर की हालत खस्ता, 1 दर्जन अधिकारियों ने छोड़ी कंपनी, कई और अधिकारी कंपनी छोड़ने की फिराक में
मुंबई– वित्तीय संकटों का सामना कर रही श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस (Srei Infrastructure Finance) के लेनदारों ने अपना कर्ज वसूलने के लिए कंपनी पर शिकंजा कसा है। इसके तहत लेनदारों ने Srei Group के कर्मचारियों की सैलरी पर 50 लाख रुपए का कैप लगा दिया है। यानी Srei Group के किसी भी अधिकारी को अब 50 लाख रुपये सालाना से अधिक सैलरी नहीं मिलेगी।
दिसंबर, 2020 में सैलरी में इस कैप को लगाए जाने के बाद से कंपनी के कई टॉप ऑफिशियल्स कंपनी से निकल गए हैं। कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर पवन त्रिवेदी ने भी इस्तीफा दे दिया है। अब तक कम के कम एक दर्जन टॉप एग्जिक्यूटिव्स ने कंपनी का दामन छोड़ दिया है। अगले कुछ सप्ताह में कंपनी के कुछ और अधिकारी कंपनी से नाता तोड़ सकते हैं। सैलरी पर 50 लाख रुपये का कैप लगने से नकदी संकट से जूझ रही कंपनी के टॉप अधिकारियों में नाराजगी और असंतोष पनप रहा है और कई अधिकारी कंपनी छोड़ने जा रहे हैं।
इक्विपमेंट और व्हीकल बिजनेस को फाइनेंस करने वाली कंपनी Srei Group की सैलरी पर कैप लगने से दिसंबर से अब तक कम से कम 200 कर्मचारी कंपनी छोड़ चुके हैं और कम से कम 12 वाइस प्रेसिडेंट लेवल से ऊपर पद के कर्मचारी कंपनी छोड़ चुके है। कंपनी के लेनदारों ने इसी सप्ताह इस NBFC के हालात पर चर्चा के लिए बैठक की, लेकिन सैलरी पर लगा कैप नहीं हटाया।
कर्जदाताओं ने Srei Group से कहा है कि कंपनी को जितना भी कैश प्राप्त हो रहा है, उसे लेनदारों द्वारा नियंत्रित बैंक अकाउंट मे जमा किया जाए। Srei Group पर 16 लेंडर्स का कुल 18,000 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। इन लेनदारों में एक्सिस बैंक, यूको बैंक और SBI सहित कई दूसरे लेनदार शामिल हैं।
Srei Equipment Finance Ltd पर 17,411.96 करोड़ रुपये का कर्ज है। वहीं, Srei Infrastructure Finance पर 11,828.34 करोड़ रुपये का कर्ज है।इस NBFC का लोन पोर्टफोलियो 40,000 करोड़ रुपये का है, जिसमें 60% से अधिक लोन लेने वालों ने लोन रीस्ट्रक्चरिंग के लिए आवेदन किया है। इसे देखते गोलबल रेटिंग एजेंसी CARE Ratings ने इसकी रेटिंग को डाउनग्रेड करके D कर दिया है, जो जंक रेटिंग है।