PM आवास योजना में भी DHFL के मालिकों ने की ठगी, फर्जी होम लोन कागजात बनाकर 1,880 करोड़ का फायदा कमाया
मुंबई– दिवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड (DHFL) के प्रमोटर्स कपिल और धीरज वाधवान ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) में भी गड़बड़ी की। इसके जरिए इन लोगों ने 1,880 करोड़ रुपए का फायदा कमाया। इसके लिए इन लोगों ने होम लोन का फर्जी डॉक्यूमेंट भी बनाया।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने इस मामले में दोनों प्रमोटर्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। दोनों भाई अभी फिलहाल मनी लांड्रिंग के मामले में जेल में बंद हैं। सीबीआई के मुताबिक, कपिल और धीरज वाधवान ने होम लोन खातों से संबंधित फर्जी कागजात बनाए। इसके तहत 11,755 करोड़ रुपए का कर्ज दिया। इसमें से 1,880 करोड़ रुपए ब्याज की सब्सिडी के तहत हासिल कर लिया। यह रकम हालांकि उनको मिलनी चाहिए थी जिन्होंने होम लोन लिया।
पिछले साल ही ग्रांट थॉटर्न ने फॉरेंसिक रिपोर्ट जमा की थी। इस रिपोर्ट से सामने आया डीएचएफएल ने सैकड़ों फर्जी लोन अकाउंट बनाए। साल 2007 से 2019 के बीच में कुल 2,60,315 फर्जी होम लोन अकाउंट्स बनाए गए। इसके बाद बांद्रा की कंपनी में 11,755.79 करोड़ रुपए डिपॉजिट किए गए। फाइनल रिपोर्ट में करीब 91 ऐसी फर्जी ईकाईयों के बारे में जानकारी सामने निकलकर आई है। यह भी पता चला कि इन लोन को जारी करने से पहले किसी भी तरह की सिक्योरिटी या कोलेटरल तक ग्रांट नहीं किया गया था।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन लोगों को सब्सिडी मिलती है जो कम और मध्यम इनकम ग्रुप में आते हैं। यह क्रेडिट लिंक्ड ब्याज सब्सिडी होती है। इसमें 3 से 6.5% तक की सालाना सब्सिडी होती है। केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का लक्ष्य देश के सभी लोगों को रहने के लिए घर उपलब्ध कराना है। देश में कोई बेघर न रहे, इसके लिए भारत सरकार ने 2022 तक बेघर लोगों को घर देने की योजना बनाई है। योजना के तहत सरकार बेघर लोगों को घर बनाकर देती है और साथ ही उन्हें सब्सिडी मिलती है जो लोग लोन पर घर या फ्लैट खरीदते हैं।
भारत सरकार ने साल 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना की शुरुआत की थी। योजना को 3 चरणों में बांटा गया है। योजना का पहला चरण जून 2015 में शुरू हुआ, जो मार्च 2017 में खत्म हो गया। दूसरा चरण अप्रैल 2017 से शुरू हुआ और मार्च 2019 में खत्म हो गया. तीसरा और आखिरी चरण अप्रैल 2019 में शुरू किया गया और मार्च 2022 तक खत्म हो जाएगा।
योजना का फायदा लेने के लिए आवेदक की उम्र 21 से 55 साल होनी चाहिए। अगर परिवार के मुखिया या आवेदक की उम्र 50 साल से अधिक है, तो उसके प्रमुख कानूनी वारिस को होम लोन में शामिल किया जाएगा। ईडब्ल्यूएस (निम्न आर्थिक वर्ग) के लिए सालाना घरेलू आमदनी 3 लाख रुपए तय है। एलआईजी (कम आय वर्ग) के लिए सालाना आमदनी 3 लाख से 6 लाख के बीच होनी चाहिए। अब 12 और 18 लाख रुपए तक की सालाना आमदनी वाले लोग भी इसका लाभ उठा सकते हैं।