ग्राहकों की सुविधा के लिए एलआईसी अब वाट्सऐप और ऑन लाइन क्लेम सेटलमेंट कर रही है- विपिन आनंद, एमडी

मुंबई। यह सच है कि कोरोना महामारी ने छोटी से लेकर बड़ी कंपनियों तक सबके सामने बहुत बड़ी चुनौती पेश की है। परंतु यह भी सच है कि इंडस्ट्री के कुछ लीडर्स ने इस चुनौती में अवसर भी देखा है। लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन अर्थात एलआईसी उन्हीं कंपनियों में से एक है जिसने इस महामारी के दौरान हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ी प्रक्रियाओं को आसान कर उसे और भी आक्रामक तरीके से मार्केट में पेश किया है। इसके अतिरिक्त हमेशा से ही यह कंपनी अपना मानवीय चेहरा प्रस्तुत करने में आगे रही है। इसी को आगे बढ़ाते हुए एलआईसी ने कोरोना से होने वाले वाली मौतों के केस में उनके डेथ सेटेलमेंट क्लेम को काफी तेजी से निपटाना शुरू किया है। इससे इसकी चारों तरफ तारीफ हो रही है। ऐसी कई और पहल हैं जिसे LIC ने अपने मैनेजिंग डायरेक्टर विपिन आनंद के नेतृत्व में उठाया है। दरअसल, पिछले साल जब से आनंद ने बतौर एमडी चार्ज लिया है, तब से LIC फास्ट फॉरवर्ड मोड पर है। श्री आनंद ने 1983 में एलआईसी को बतौर डायरेक्ट रिक्रूट ऑफिसर के तौर पर ज्वाइन किया था। तब से आज तक वह करीब 30 सालों तक इस ऑर्गनाईजेशन में लीडरशिप पोजीशन को संभाल चुके हैं। अर्थलाभ के न्यूज एडिटर आनंद मिश्र ने उनसे बात की।  पेश हैं उसी के अंश।

 सबसे पहले तो आप यह बताइए कि LIC ने कोरोना महामारी के दौरान अपने बिजनेस को किस तरह से हैन्डल किया है?

निश्चित रूप से हमने इसे काफी प्रोफेशनल तरीके से हैन्डल किया है। इस महामारी ने सबके सामने चुनौतियां पेश की है। हमारे लिए लाइफ इंश्योरेंस का मुद्दा सर्वोपरि रहा है। इसलिए हमने इसे और फ्रंट पर ला दिया है। अब सोशल डिस्टेंसिंग एक नया मानदंड बन चुका है, इसलिए हम अपने फील्ड वर्क फोर्स को ऑनलाइन ट्रेनिंग देकर उन्हें मोटिवेट किया। उन्हें इस मामले में दक्ष बनाया कि किस तरह से हम डिजिटल मोड के जरिए हम अपना व्यवसाय निर्बाध गति से आगे कैसे बढ़ाएं। यहां तक कि क्लेम एरिया में भी LIC ने कई छूट प्रदान की है। अब अगर किसी को क्लेम करना है तो वह अपने दस्तावेजों जैसे कि पॉलिसी का डिटेल्स, सर्विस ब्रांच, कहां से जारी किया गया, सम एश्योर्ड आदि स्कैन ईमेल कर सकते हैं। अब तो क्लेम भी ऑन लाइन किया जा सकता है।

इसके अलावा और कौन-कौन सी सेवाएं एलआईसी अपने पॉलिसी होल्डर्स को प्रदान कर रही है?

अपनी पॉलिसी की स्मूथ सर्विसिंग प्रदान करने के लिए एलआईसी ने कई नए इनीशिएटिव लॉन्च किए हैं जिसे हमने डू इट योरसेल्फ (DIY) का नाम दिया है। पॉलिसी सर्विसिंग से जुड़े हुए आधारभूत क्रियाकलाप जैसे कि प्रीमियम का पेमेंट, लोन, इंटरेस्ट, लोन का रीपेमेंट, एडवांस प्रीमियम, पेड प्रीमियम का सर्टिफिकेट, पॉलिसी स्टेटस, लोन का स्टेटस, क्लेम का स्टेटस, रिवाइवल कोटेशन, प्रीमियम कैलेंडर आदि को अनलाइन कर हमने काफी आसान कर दिया है। इसके अतिरिक्त एलआईसी ने पॉलिसी होल्डरों के लिए कुछ प्रीमियर सर्विसेज भी प्रदान की है। इसमें पॉलिसी की निगरानी और प्रपोजल इमेज, व्यू क्लेम हिस्ट्री, रजिस्टर रिक्वेस्ट फॉर ऑनलाइन लोन, रजिस्ट्रेशन ऑफ रिक्वेस्ट फॉर ऑनलाइन चेंज आफ ऐड्रेस आदि सुविधाएं शामिल हैं। यही नहीं, हमने “जीवन मित्र” नाम का एक चैट बॉट भी लॉन्च किया है जिससे कि ग्राहक सीधा इंक्वायरी घर बैठे-बैठे कर सकें।

जबसे लॉकडाउन खुला है तब से कर्मचारियों और अधिकारियों की ऑफिस में अटेंडेंस कैसी रही है ?

ग्रीन जोन में हमारे सभी ऑफिस सामान्य रूप से काम कर रहे हैं। परंतु देश भर में जहां-जहां हमारे ऑफिस ऑरेंज और रेड जोन में हैं हम उस जगह के लोकल अथॉरिटी या राज्य सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार काम कर रहे हैं। ऐसे कुछ ऑफिसेज में हमारे कर्मचारी और अधिकारी घर से काम कर रहे हैं। जिन्हें ऑफिस में जाना अत्यंत जरूरी है उनके लिए एक रोस्टर बनाया गया है और वे उसके हिसाब से काम कर रहे हैं। अब लगभग सभी प्रकार की सेवाएं हमने अपने ग्राहकों के लिए बहाल कर दी हैं

कोरोना से मरने वालों का डेथ क्लेम LIC प्राथमिकता के आधार पर पास कर रही है। कृपया यह बताएं कि अब तक कुल कितनी राशि के कितने ऐसे क्लेम पास हुए हैं? 

3 जुलाई तक हमने ऐसे 150 दावों का निपटारा प्राथमिकता के आधार पर किया जिसमें कुल हमने 10.31 करोड़ रुपए लोगों को बतौर क्लेम प्रदान कर दिया है। संकट की इस घड़ी में LIC सदा अपने पॉलिसी होल्डर्स के साथ खड़ी है। मैं यह भी बताना चाहूँगा कि हमने डेथ क्लेम के मामलों में काफी छूट दे रखी हैं और हमने उनके ऐसे क्लेम को व्हाट्सएप से भी भेजे जाने पर भी स्वीकार कर रहे हैं। कई स्थानों पर तो हमारे कर्मचारी खुद जाकर डेथ क्लेम की राशि प्रदान कर रहे हैं।

क्या कोविड के दौरान प्रीमियम कलेक्शन पर कोई प्रभाव पड़ा है?  LIC ने अपने ग्राहकों को प्रोडक्ट खरीदने या प्रीमियम देने के लिए क्या अतिरिक्त सुविधाएं प्रदान की है? 

अभी इस मौजूदा वित्त वर्ष में हमारा प्रीमियम का कलेक्शन 10% ज्यादा है और हमने कुल 9 करोड़ कलेक्शन कर डाले हैं। डिजिटल कलेक्शन में तो उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मौजूदा वित्त वर्ष के 3 महीने में ही 3.78 करोड़ ट्रांजैक्शन के जरिए 16,344 करोड रुपए की प्रोसेसिंग की गई है। डिजिटल कलेक्शन को अगर संख्या में बताएं तो यह 42.20% है जो कि पहले के मुकाबले 101.80% ज्यादा है। अब हमारे ग्राहकों के समक्ष ऐसी बहुतेरी सुविधाएं उपलब्ध हैं जिनसे वे प्रीमियम अदा कर सकते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा सुरक्षित तरीका घर बैठे-बैठे डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग, NACH के जरिए पेमेंट करना है। हमारी वेबसाइट तो है ही, इसके अलावा हमने अपना खुद का ऐप भी डिवेलप किया है। यही नहीं, इसके अतिरिक्त हमने कई पेमेंट गेटवे वाली एजेंसियों जैसे कि भीम, अमेज़न पे, गूगल पे, फोन पे, पे आईएम, इंस्टा पे, एपी ऑनलाइन, एमपी ऑनलाइन, सुविधा इंफोसर्व जैसी एजेंसियों से करार किया है। कस्टमर चाहे तो LIC के किसी भी ब्रांच में, हमारे लाइफ प्लस ऑफिस में और प्रीमियम प्वाइंट ऑफिस में जाकर अपना प्रीमियम भर सकते हैं। यही नहीं, आईडीबीआई बैंक और एक्सिस बैंक की शाखाओं में भी यह प्रीमियम अदा किया जा सकता है।

हाल फिलहाल के महीनों में क्या LIC ने कोई प्रोडक्टस भी लांच किए हैं?

हाल ही में हमने यूलिप के दो प्रोडक्ट्स को लॉन्च किया है और ये हैं SIIP और निवेश प्लस। निवेश प्लस उन ग्राहकों के लिए हैं जो वन टाइम सिंगल प्रीमियम भरकर पॉलिसी के दरमियान इसके फायदे उठा सकते हैं, जबकि एसआईआईपी के प्रोडक्ट उनके लिए हैं जो पॉलिसी के दौरान क्रमवार तरीके से अपना प्रीमियम जमा करने में पसंद करते हैं। इस साल में इसकी कम से कम 2,600 से ज्यादा पॉलिसी बेची जा चुकी है। इसका कुल वैल्यू 34  करोड रुपए है। एक और पेंशन पॉलिसी प्रधानमंत्री वय वंदन योजना (PMVVY) को भी बुजुर्गों के फायदे हेतु लांच किया गया है जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में उपलब्ध हैं। यह प्लान सीनियर सिटीजन में काफी पॉपुलर है।

इसके अतिरिक्त LIC के बहुप्रतीक्षित IPO की क्या स्थिति है?

इसके आईपीओ से संबंधित सारे कामकाज और दिशा निर्देश भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एण्ड पब्लिक असेट मैनेजमेंट (DIPAM) द्वारा देखे जा रहे हैं।

IDBI Bank ने मार्च की तिमाही में 135 करोड़ का सरप्लस दिखाया है। एलआईसी इसे किस तरह देखती है?

यह काफी उत्साहवर्धक खबर है। आईडीबीआई बैंक अपनी पुरानी खोई हुई साख को काफी तेजी से वापस हासिल कर रही है। इस बैंक के मैनेजमेंट ने काफी कड़ी मेहनत की है जिसकी बदौलत आज यह फिर से एक सुनहरे दौर की ओर लौट रहा है। हम आईडीबीआई बैंक का भविष्य काफी उज्जवल देख रहे हैं।  

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