अमेरिका में टैक्स लगने से विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में लगा रहे हैं पैसा

मुंबई– अमेरिका में शेयरों से होने वाले उस मुनाफे पर भी कैपिटल गेंस टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया गया है, जो निवेश में दिख तो रहा होगा लेकिन भुनाया नहीं गया होगा। वित्त मंत्री जेनेट येलेन के इस प्रस्ताव के लागू होने से FII यानी विदेशी निवेशकों को भारतीय बाजारों में ज्यादा निवेश करने को बढ़ावा मिल सकता है। 

जानकारों का कहना है कि अनरियलाइज्ड कैपिटल गेन पर टैक्स लगाए जाने पर बड़े अमेरिकी फंड्स के लिए अपने देश में पैसे लगाए रखना फायदेमंद नहीं रह जाएगा। इसको देखते हुए भारत जैसे विकासशील देशों के शेयर बाजारों में उनका निवेश बढ़ सकता है। 

इकोनॉमिक रिकवरी उम्मीद से ज्यादा तेज होने के चलते घरेलू शेयर बाजारों ने पिछले एक साल में जोरदार रिटर्न दिया है। विदेशी संस्थागत निवेशकों ने कैलेंडर ईयर 2020 में घरेलू शेयर बाजार में 22.5 अरब डॉलर यानी 1.7 लाख करोड़ रुपये लगाए थे। भारत पर उनका भरोसा बना हुआ है और वे इस कैलेंडर ईयर में अब तक यहां के शेयर बाजार में 43,770 करोड़ रुपये का नेट इनवेस्टमेंट कर चुके हैं। 

HDFC सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च हेड दीपक जासानी कहते हैं, ‘अमेरिका में कैपिटल गेंस टैक्स में प्रस्तावित बदलाव लागू होने पर वहां से कुछ निवेश निकलकर भारत सहित दूसरे विकासशील देशों में आएगा। वहां से भारतीय बाजार में आने वाली रकम फाइनेंशियल सेक्टर सहित और कई सेक्टर में लग सकती है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका कहते हैं, ‘घरेलू शेयर बाजार की संभावनाओं में काफी सुधार आया है। इसे अमेरिका में कैपिटल गेंस टैक्स का नया नियम बनने से फायदा होगा।’ 

2020 में जब कोरोनावायरस पर काबू पाने के लिए जो लॉकडाउन लगाया गया था, तब उससे घरेलू शेयर बाजार में आई तेज गिरावट के बीच विदेशी निवेशकों ने सस्ते दाम में खूब शेयर खरीदे थे। दुनियाभर में इकोनॉमी को बढ़ावा देने की सरकारी कवायदों के बीच ब्याज दरें घटकर लगभग शून्य के करीब होने से बाजार में पैसों की बाढ़ आ गई थी। इससे भी भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेश को बढ़ावा मिला था। 

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