जेट पुराने कर्मचारियों को रखेगी, पुराना पेमेंट भी देगी, 113 करोड़ रुपए देगी

मुंबई– कर्ज से दबी जेट एयर में जल्द कामकाज शुरू हो जाएगा और उसके प्लेन फिर से उड़ान भरने लगेंगे। इसके लिए जो डील हुई है उसमें कर्मचारियों और वर्कमेन को पहले 6 महीनों में 113 करोड़ रुपए मिलेंगे। हालांकि, इन सबने 1,200 करोड़ रुपए से ज्यादा का दावा किया था। इस हिसाब से उनको दावे का 9% से 14% तक ही दिया जा रहा है। 

कर्मचारियों को कुल 113 करोड़ रुपए के अलावा 11,000 रुपए और वर्कमेन को 10,200 रुपए भी मिलेंगे। इन सबको इस रकम के अलावा कुछ फोन और स्टेशनरी भी मिलेगा, ट्रैवल के लिए 10,000 रुपए के फ्री टिकट भी मिलेंगे। इनके अलावा वेंडर, टिकट एजेंट और ट्रैवल कंपनियों सहित सभी ऑपरेशनल क्रेडिटर्स को 15,000 रुपए तक का क्लेम मिलेगा। 

कंपनी पर उसके लगभग 22,000 एंप्लॉयीज ने सेलरी और दूसरे बकाए के लिए 4,700 करोड़ रुपए का क्लेम किया था। कंपनी के साथ लगभग 3,600 एंप्लॉयीज जुड़े हुए हैं, जिनको गुडविल के तौर पर 11,000 रुपए के अलावा 5,100 रुपए का मेडिकल और स्कूल फीस का खर्च दिया जाएगा। उनको जेट के पुराने IT डिपार्टमेंट ने लॉटरी के जरिए पुराने लैपटॉप, आईपैड, कंप्यूटर, टैबलेट ऑफर किए हैं। 

जेट एयरवेज शुरुआत में सिर्फ 50 एंप्लॉयीज को काम पर रखेगी। ये उन लगभग 200 एंप्लॉयीज में से होंगे जो प्लेन के रखरखाव के लिए छोड़े गए थे। कंपनी ने पहले साल में 25 प्लेंस के साथ कामकाज शुरू करने की योजना बनाई है। कंपनी के पेरोल पर कुल 3,681 कर्मचारी हैं। इन सबको ग्राउंड हैंडलिंग सब्सिडियरी AGSL में शिफ्ट किया जाएगा और जेट एयरवेज से अलग किया जाएगा। 

कंसॉर्शियम ने अगले 5-6 साल में कंपनी के बेड़े में 120 प्लेंस शामिल करने की योजना बनाई है। उसका यह भी कहना है कि हर प्लेन के लिए उसको 114 एंप्लॉयीज की जरूरत होगी, लेकिन यह इंडस्ट्री स्टैंडर्ड से काफी ज्यादा है। नए मालिकान के पास कंपनी में 89.79% हिस्सेदारी होगी जबकि 9.5% शेयर बैंकों के पास होंगे। पब्लिक शेयरहोल्डिंग 25% से घटकर सिर्फ 0.21% रह जाएगी। कंपनी में एंप्लॉयीज और वर्कमेन के ट्रस्ट की आधा पर्सेंट हिस्सेदारी होगी। कंपनी में पुराने प्रमोटर नरेश गोयल और एत्तिहाद की होल्डिंग जीरो हो जाएगी। 

जेट को लंदन की एसेट मैनेजमेंट कंपनी कैलरॉक और मुरारी लाल जालान की कंसॉर्शियम खरीद रही है। नए मालिकान डील को NCLT का क्लीयरेंस मिलने के छह महीनों के भीतर 280 करोड़ रुपए लगाएंगे। उनकी तरफ से दो साल में कंपनी में 600 करोड़ रुपए लगाए जाएंगे। इनमें से 125 करोड़ रुपए रियल एस्टेट और लग्जरी कार जैसे नॉन कोर एसेट बेचकर जुटाए जाएंगे। 

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