डेबिट कार्ड और एटीएम से सबसे ज्यादा दिक्कत हो रही है ग्राहकों को, आरबीआई के पास पहुंची 3 लाख शिकायतें

मुंबई– जहां एक ओर साल 2020 की पहली छमाही में बैंकिंग सर्विस से जुड़ी शिकायतें तेजी से बढ़ी हैं, तो वहीं दूसरी ओर बैंक अब इन्हें सुलझाने में दोगुना समय लगाने लगे हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के अनुसार बैंक से संबंधित शिकायतों की कुल संख्या 1 जनवरी से 30 जून 2020 तक 3.08 लाख तक पहुंच गई। जो पिछले साल इसी समय के मुकाबले 57% ज्यादा है।

 RBI के अनुसार सबसे ज्यादा शिकायतें ATM व डेबिट कार्ड से जुड़ी हैं। ये कुल शिकायतों की 20% से भी ज्यादा हैं। मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग से जुड़ी शिकायतें 13.38% रहीं। वहीं खराब बैंकिंग सेवा से जुड़ी समस्याओं की संख्या तीसरे नंबर पर रही। रिपोर्ट के अनुसार शिकायतों के निपटारे में जून से पहले जहां औसतन 47 दिन लगते थे वहीं अब यह 95 दिनों का समय लग रहा है। वित्त वर्ष 2019-20 में इसमें 45 दिन का समय लगता था। मतलब शिकायतों को निपटाने का समय कम होने की बजाए दोगुना हो गया है। 

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और अन्य सरकारी बैंकों में शिकायतों में कमी आई है। SBI और दूसरे नेशनल बैंकों का हिस्सा घटकर 59.65% हो गया, जो पिछले साल इसी समय 61.90% था। लोकपाल योजना के तहत नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) के खिलाफ शिकायतें 386% बढ़ी हैं। इनके खिलाफ कुल 19,432 मिलीं। SBI ने सबसे ज्यादा 48,333 शिकायतों को सुलझाया। इसके बाद HDFC बैंक ने 15,004, ICICI बैंक ने 11,844 और एक्सिस बैंक ने 10,457 शिकायतों को सुलझाया। 

मेट्रो शहरों से शिकायतों की संख्या सबसे ज्यादा रहीं। रिपोर्ट के अनुसार 2019-20 में यह बढ़कर करीब 50% तक हो गया है। तीन साल पहले कुल शिकायतों में मेट्रो शहरों से आने वाले शिकायतों का हिस्सा करीब 26% था। वहीं शहरी इलाकों में यह घटकर 22% पर आ गया है। 2017-18 में यह 50 फीसदी के करीब था। 

बैंकिंग लोकपाल योजना (ऑम्बड्समैन स्कीम) के जरिए RBI बैंकों, NBFC और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रखती है। ये स्कीम 2006 में ग्राहकों की शिकायतों एवं समस्याओं को सुलझाने के लिये शुरू की गई थी। वैसे तो बैंकिंग लोकपाल योजना 1995 में लागू की गई थी, लेकिन 2002 एवं 2006 में इस योजना का दायरा बढ़ाते हुए संशोधन किए गए, ताकि बैंकों द्वारा सही बैंकिंग सेवाएं दी जा सकें। 

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