निवेश में असेट अलोकेशन का पालन बहुत ही महत्वपूर्ण है- निमेश शाह, एमडी एवं सीईओ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड
मुंबई– शेयर बाजार तेजी में है। म्यूचुअल फंड की स्कीम्स का अच्छा रिटर्न है। अर्थव्यवस्था में अच्छी रिकवरी है। ऐसे में निवेशकों को इस समय असेट अलोकेशन की रणनीति अपनानी चाहिए। असेट अलोकेशन का मतलब आपके पास अगर 100 रुपए हैं तो उसे किसी एक साधन में निवेश न करें। उसे कई साधनों में निवेश कर दें। इसका फायदा यह है कि अगर एक साधन में घाटा हुआ, तो दूसरे में फायदा उसको कवर कर लेता है। देश की लीडिंग म्यूचुअल फंड कंपनी आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल के एमडी एवं निमेश शाह से बात की। पेश हैँ उसी के संपादित अंश।
प्रश्न: इक्विटी बाजार में इतनी तेजी क्यों है? अर्थव्यवस्था और शेयर बाजारों के बीच फर्क को देखते हुए, क्या आपको लगता है कि यह तेजी टिकाऊ है?
जवाब: वर्ष 2020 को इतिहास में एक ऐसे साल के रूप में जाना जाएगा जिसमें एक वैश्विक महामारी ने दुनिया भर के इक्विटी बाजारों में एक अभूतपूर्व तेजी पैदा की। यह बहुत संभावना है कि विदेशी संस्थागत निवेशकों के निवेश से इस तेजी का रुझान मध्यम अवधि के लिए जारी रह सकता है। इसके लिए अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा फाइनेंशियल सिस्टम में खरबों डॉलर की रकम डालने की घटना भी जिम्मेदार है।
जब तक इस तरह की रकम आती रहेगी, तब तक इक्विटी बाजार में एक प्रमुख सुधार की संभावना बहुत ही कम रहती है। हम आम तौर पर वृहद आर्थिक विकास (macro-economic developments) के आधार पर अपनी समीक्षा करते हैं। हम अपने कॉल की समीक्षा करेंगे। लेकिन यह तब करेंगे जब अगर कच्चे तेल के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल के पार कर जाते हैं। पश्चिमी देशों में महंगाई वापस आ जाती है। आरबीआई के साथ सरप्लस लिक्विडिटी तेजी से बढ़ती है। वैश्विक बाजार के असेट अंडर मैनेजमेंट में तेजी से गिरावट आती है। या फिर कुछ जियो पॉलिटिकल (भू राजनीतिक) जोखिम आता
सवाल- इक्विटी के रिटर्न्स को देखते हुए, क्या रिटेल निवेशक को मुनाफा वसूली करना चाहिए और अपने फंड को कहीं और निवेश करना चाहिए?
जवाब- निवेश में असेट अलोकेशन का पालन करना हमेशा महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा, इक्विटी बाजार में आई तेजी ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। वैल्यूएशन महंगे हैं लेकिन जब इन्हें बहुत कम ब्याज दरों के आधार पर देखा जाता है तो वे महंगे नहीं दिखाई देते हैं।
रिटेल निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि अमेरिकी फेड के रुख में कोई भी बदलाव बाजारों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है। हम अनुमान नहीं लगा सकते कि ऐसा कब होगा। हाल फ़िलहाल, हम ऐसा होने की उम्मीद नहीं करते हैं। ऐसा हो सकता है कि एक बार महंगाई वापस आ जाए। इसका ज्यादा असर पश्चिमी देशों में दिखेगा।
सवाल- आगे किस तरह का कदम केंद्रीय बैंक उठा सकते हैं?
सवाल- 2018 में बाजार में गिरावट के बाद, बाजार की तेजी बड़े पैमाने पर स्टॉक्स के ग्रोथ पर केंद्रित है। आगे हम उम्मीद करते हैं कि दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों द्वारा तेजी का विस्तार होगा। विस्तारवादी नीतिगत उपायों के आधार पर यह तेजी और तेज होगी। इसके अलावा, वैल्यू अभी भी आकर्षक बना हुआ है। हमारा मानना है कि वैल्यू सेगमेंट में अवसर मौजूद हैं जो अच्छे लाभांश प्रदान करते हैं। इनसे बेहतर आय भी मिलती है। पिछले कुछ वर्षों में मिड और स्मॉल-कैप शेयरों ने बड़े-कैप शेयरों को कमजोर कर दिया है। यह ट्रेंड कुछ समय बाद उलट सकता है।
सवाल-स्माल और मिड कैप पर आपका क्या विचार है?
जवाब- कम ब्याज दर के माहौल में, छोटी और मिड-कैप कंपनियां पूंजी की कम लागत के कारण सबसे अधिक लाभ कमाती हैं। आगे की तिमाहियों में मूलभूत रूप से मजबूत कंपनियों के फायदे में सुधार की संभावना देखी जा रही है। यह उनके स्टॉक मूल्य में भी दिखेगा। इसलिए, यदि कोई निवेशक अगले पांच वर्षों तक निवेश में बने रहने के लिए तैयार है, तो इक्विटी फंड में निवेश करने पर विचार कर सकता है। लेकिन यह निवेश सिस्टेमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (systematic investment plan) के माध्यम से करना चाहिए। अन्य निवेशक मैक्रो फैक्टर / बिजनेस साइकल फंड के आधार पर कॉल करने का विचार कर सकते हैं।
किसी एक असेट क्लास में सभी पैसे लगाने की बजाय इक्विटी, डेट, सोना और अन्य परिसंपत्ति वर्गों में निवेश करना समझदारी होगी। यह सुनिश्चित करेगा कि जब भी कोई करेक्शन हो, तो पोर्टफोलियो पर विपरीत प्रभाव न पड़े। असेट एलोकेशन स्कीम में निवेश के जरिए भी इसे हासिल किया जा सकता है। ये स्कीम अपने इक्विटी आवंटन के माध्यम से इक्विटी मार्केट की तेजी में भाग लेकर बाजार की अस्थिरता से लाभ पाने के लिए तैयार हैं। लेकिन वे डेट में अपनी उपस्थिति के माध्यम से किसी भी नकारात्मक पहलू को भी सीमित करते हैं।
सवाल: 2020 की शुरुआत में कुछ घटनाओं के कारण डेट निवेशकों का विश्वास कम हुआ और वे डेट से निकल गए। साल 2021 के लिए रिटेल निवेशकों को आप क्या सलाह देंगे?
जवाब: आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल डेट म्यूचुअल फंड स्कीम के निवेशक कैलेंडर वर्ष 2020 के दौरान किसी भी बुरी घटनाओं से प्रभावित नहीं थे। हमारे रिटर्न से हमें राहत मिली है। इसके अलावा, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के 22 वर्षों के इतिहास ममें हमने अपने डेट होल्डिंग्स में कभी भी डिफ़ॉल्ट नहीं किया है।
कैलेंडर वर्ष 2020 में, आरबीआई ने दरों में 115 बीपीएस की कटौती की। यह वृद्धि को बढ़ावा देने और लिक्विडिटी की स्थिति को आसान बनाने के लिए किया गया था। हम विकास और महंगाई की गतिशीलता में बदलाव के कारण ब्याज दर में कटौती की कम संभावना देखते हैं। रेपो वाले एए कॉरपोरेट बॉन्ड की यील्ड ज्यादा बनी रहती है, जिससे सेफ्टी का एक मार्जिन मिलता है। सेफ्टी के कारण, एएए स्पेस में ट्रांसमिशन का रेट शार्ट एंड में ज्यादा हुआ। हालांकि, AA स्पेस में, ट्रांसमिशन का रेट बिल्कुल न के बराबर रहा, जिससे निवेश करने का अवसर मिलता है। हम लंबे समय से डेट में निवेश की सलाह दे रहे थे।लेकिन आगे जाकर, आर्बिट्रेज फंड्स, अक्रुअल फंड्स और डायनेमिक असेट एलोकेशन फंड्स का कॉम्बिनेशन भी डेट में निवेश का बेहतर तरीका साबित हो सकता है।