बजट की तुलना में देश का फिस्कल डेफिसिट 135% बढ़कर 10.75 लाख करोड़ रुपए हुआ
मुंबई-केंद्र सरकार के 2020-21 के बजट अनुमान की तुलना में फिस्कल डेफिसिट में 135.1% की बढ़त हुई है। नवंबर में यह आंकड़ा 10.75 लाख करोड़ रुपए हो गया है। यह इसलिए हुआ है क्योंकि रेवेन्यू में कमी आई है। रेवेन्यू में कमी इसलिए आई क्योंकि कोरोना की वजह से आर्थिक गतिविधियां ठप रही हैं।
2019-20 के बजट अनुमान से अगर तुलना करें तो नवंबर में फिस्कल डेफिसिट 114.8% रहा है। फिस्कल डेफिसिट सरकार की कुल आय और खर्च के बीच के अंतर को कहते हैं। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, कुल फिस्कल डेफिसिट 10 लाख 75 हजार 507 करोड़ रुपए रहा है। मार्च से देश में लागू लॉकडाउन की वजह से आर्थिक गतिविधियों के बंद होने से सरकार के रेवेन्यू पर बुरा असर दिखा है।
इस साल जो लक्ष्य फिस्कल डेफिसिट का रखा गया था वह जुलाई में ही पार हो गया था। तब से लगातार फिस्कल डेफिसिट बढ़ते जा रहा है। सरकार का कुल रेवेन्यू नवंबर में 8 लाख 30 हजार 851 करोड़ रुपए था। यह 2020-21 के बजट अनुमान की तुलना में 37% रहा है। इसमें 6 लाख 88 हजार 430 करोड़ रुपए टैक्स से रहा है। 1 लाख 24 हजार 280 करोड़ रुपए गैर टैक्स साधनों से रहा है। 18 हजार 141 करोड़ रुपए नॉन डेट कैपिटल से रहा है।
नॉन डेट कैपिटल का मतलब लोन की रिकवरी और कंपनियों में बिकने वाली हिस्सेदारी से प्राप्त पैसों से है। 2020-21 के बजट अनुमान की तुलना में टैक्स रेवेन्यू से कलेक्शन 42.1% रहा है। गैर टैक्स रेवेन्यू 32.3% रहा है। आंकड़ों के मुताबिक कुल टैक्स में से 3.34 लाख करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने राज्यों ट्रांसफर कर दिया। क्योंकि इस टैक्स में राज्यों का भी हिस्सा था।
सरकार ने बजट अनुमान की तुलना में करीबन 63% खर्च किया है। यह रकम करीबन 19 लाख 6 हजार 358 करोड़ रुपए रही है। कुल रेवेन्यू खर्च में से 3.83 लाख करोड़ रुपए ब्याज के पेमेंट और 2.02 लाख करोड़ रुपए सब्सिडी के रूप में खर्च हुआ। इस वित्त वर्ष में सरकार ने फिस्कल डेफिसिट का लक्ष्य 7.96 लाख करोड़ रुपए रखा है। हालांकि इस आंकड़ों को सरकार सुधार सकती है।