भारत की तुलना में चीन का डेट बाजार FII को आ रहा है रास, 8.68 लाख करोड़ रुपए का निवेश

मुंबई– भारत की तुलना में चीन का डेट बाजार FII को रास आ रहा है। चीन के डेट बाजार में इस साल विदेशी निवेशकों ने 8,68,700 करोड़ रुपए का निवेश किया है। जबकि भारत के डेट बाजार से इन्होंने इस साल 1.04 लाख करोड़ रुपए की निकासी की है। ऐसा इसलिए क्योंकि चीन की मुद्रा लगातार डॉलर की तुलना में मजबूत हो रही है। डेट बाजार में बांड, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, ट्रेजरी बिल और नॉन-कन्वर्टिबल डिबेंचर आदि शामिल हैं।  

हालांकि FII को भारत की तुलना में चीन के डेट बाजार में कम ब्याज मिल रहा है। भारत के डेट पेपर्स पर 6-7 पर्सेंट का ब्याज मिल रहा है। जबकि चीन के डेट पेपर्स पर 4 पर्सेंट के करीब ब्याज है। लेकिन चीन के डेट बाजार में FII को निवेश पर इसलिए फायदा हो रहा है क्योंकि चीन की मुद्रा यूआन इस साल लगातार डॉलर की तुलना में मजबूत हो रही है।

इस साल चीन की मुद्रा डॉलर की तुलना में करीबन 3 पर्सेंट मजबूत हुई है। एक डॉलर की तुलना में चीन का यूआन 6.55 के करीब है। जबकि भारत का रुपया डॉलर की तुलना में इस साल करीबन 3 पर्सेंट टूट गया है। इस समय रुपया 73 से ऊपर है। ऐसे में विदेशी निवेशकों को 5 पर्सेंट का फायदा बांड पर और 3 पर्सेंट का फायदा चीन की मुद्रा की मजबूती से मिल रहा है। यानी कुल 8 पर्सेंट का फायदा मिल रहा है। इस साल अप्रैल में भारतीय रुपया डॉलर की तुलना में 76.92 पर चला गया था। हालांकि जनवरी में यह 71.28 था जो अब 73.30 पर है। हालांकि अप्रैल के बाद से इसमें मजबूती है, पर जनवरी से देखें तो इसमें कमजोरी है।  

टाटा म्यूचुअल फंड के फिक्स्ड इनकम के प्रमुख मूर्ति नागराजन कहते हैं कि इस साल चीन की मुद्रा लगातार मजबूत रही है। यही कारण है कि विदेशी निवेशकों को चीन के डेट बाजार में अच्छा रिटर्न मिल रहा है। वे कहते हैं कि अगर किसी देश की करेंसी स्थिर रहे तो एफआईआई को यह निवेश के लिए आकर्षित करता है। 

कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड की फिक्स्ड इनकम की प्रमुख लक्ष्मी अय्यर कहती हैं कि भारतीय डेट बाजार से भले एफआईआई निकासी कर रहे हैं पर इक्विटी में लगातार निवेश बना हुआ है। ऐसा नहीं है कि केवल चीन में पैसा जा रहा है। हर उभरते हुए बाजार में एफआईआई का पैसा जा रहा है। चीन के डेट बाजार में इसलिए एफआईआई ज्यादा जाते हैं क्योंकि वहां बांड बाजार में निवेश की कोई सीमा नहीं है। भारत में इसमें सीमा है। हालांकि चीन की तुलना में हमारे बांड बाजार में ज्यादा रिटर्न मिल रहा है। पर चीन की करेंसी की मजबूती से यह रिटर्न कम हो जा रहा है।   

वे कहती हैं कि चीन इस समय बांड बाजार में सुधार कर रहा है। चीन का जो पेपर है वह ग्लोबल इंडाइसेस का भागीदार है। इसलिए उसमें एफआईआई ज्यादा एक्सपोजर लेते हैं। अगर हमारे यहां अगले एक डेढ़ साल में ऐसा हो जाए तो यहां भी डेट में पैसा आएगा। इस समय अमेरिका में एक पर्सेंट ब्याज दर पेपर्स पर है जबकि जापान में तो यह जीरो है। ऐसे में भारत इन विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक बाजार आगे भी बना रहेगा।     

आंकड़े बताते हैं कि 2019 में भारतीय डेट बाजार में एफआईआई ने 25 हजार 882 करोड़ रुपए का निवेश या था। इस साल अब तक डेट से 1.04 लाख करोड़ की निकासी हुई है। 2018 में 47 हजार 795 करोड़ की निकासी डेट बाजार से हुई थी।   

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