सितंबर तिमाही में कंपनियों का फायदा पहुंचा शीर्ष पर, 1.60 लाख करोड़ रुपए का मुनाफा
मुंबई- भारतीय कंपनियों का लाभ जुलाई-सितंबर तिमाही में 15% बढ़कर अब तक के सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गया है। फायदे में बढ़त का कारण कच्चे माल की लागत में कमी तथा क्षमता का बेहतर इस्तेमाल है। इन दोनों कारणों से कंपनियों का मार्जिन बढ़ा। यह जानकारी रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में दी है।
क्रिसिल ने 800 लिस्टेड कंपनियों का विश्लेषण कर यह बात कही है। इन कंपनियों के आधार पर यह फायदा बताया गया है। मंगलवार को जारी रिपोर्ट में क्रिसिल ने कहा कि ब्याज, टैक्स और संपत्ति की लागत में कमी से टैक्स से पहले का लाभ सितंबर तिमाही में 1.60 लाख करोड़ रुपए रहा है। यह किसी एक तिमाही में अब तक का सबसे उच्च स्तर है। एजेंसी ने कहा कि इससे पहले जून तिमाही में कंपनियों का फायदा 1.02 लाख करोड़ रुपए था।
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में गिरावट के बावजूद कंपनियों का फायदा दूसरी तिमाही से बढ़ा है। हालांकि कुछ विश्लेषकों के नजरिए से यह फायदा एक असमानता को बढ़ावा देता है। क्रिसिल ने कहा कि क्षमता के बेहतर उपयोग, बिजली, ईंधन और कच्चे माल की लागत के बेहतर प्रबंधन से कंपनियों का फायदा बढ़ा है।
क्रिसिल ने जिन लिस्टेड कंपनियों को अपने उदाहरण में लिया है उसमें बैंक, फाइनेंशियल और तेल एवं गैस कंपनियों को छोड़कर एनएसई के मार्केट कैपिटलाइजेशन का 85 पर्सेंट का प्रतिनिधित्व करने वाले क्षेत्र शामिल हैं। क्रिसिल के अनुसार, सितंबर तिमाही में कच्चे माल की लागत में वृद्धि के बावजूद सकल रूप से परिचालन लाभ में एक पर्सेंट से अधिक सुधार हुआ है।
कर्मचारियों की लागत के हिसाब से देखा जाए तो मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी 370 कंपनियों के आंकलन से इसमें 4 पर्सेंट की गिरावट का पता चलता है जो चिंता की बात है। हालांकि, सेवा क्षेत्र में मामूली वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों का फायदा बढ़ा है, लेकिन इस दौरान उनकी आय में बढ़ोतरी नहीं हुई है। कंपनियों की आय दूसरी तिमाही में स्थिर रही। पहली तिमाही अप्रैल-जून में कंपनियों की आय 29 पर्सेंट कम रही थी।
आय में गिरावट के मामले में बड़ी कंपनियों की तुलना में छोटी कंपनियां सबसे ज्यादा प्रभावित रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष की पहली छमाही में जहां 400 छोटी कंपनियों की आय में 20 पर्सेंट से भी कम बढ़त रही है। वहीं शीर्ष 100 कंपनियों में से करीब 35 पर्सेंट की आय बढ़ी है।