2022 में देश की अर्थव्यवस्था में 11% की ग्रोथ रह सकती है-टाटा संस चेयरमैन

मुंबई– भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2022 में 11% की दर से बढ़ सकती है। कोविड-19 के कारण इस साल में शुरुआती नुकसान की वजह से इसमें अब रीबाउंड देखा जा रहा है। यह बात टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रसेकरन ने कही। वे फिक्की के आयोजन में बोल रहे थे।  

चंद्रसेकरन ने कहा कि अर्थव्यवस्था में यह रीबाउंड एक चमत्कार की तरह दिख रहा है। इसका अर्थ है कि हम न केवल रिकवर कर रहे हैं, बल्कि तेजी से बढ़ भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियां देश में तेजी से बढ़ रही हैं। अर्थव्यवस्था में पहली तिमाही मे 23.9% की भारी गिरावट आई थी। हालांकि दूसरी तिमाही में यह सुधर गई और केवल 7.5% की इसमें गिरावट थी। देश में मार्च के अंतिम हफ्ते से कोरोना की वजह से लॉकडाउन लगा हुआ था। हालांकि मई के बाद से इसमें ढील दी गई है। 

शुक्रवार को ही इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) का डेटा आया था। अक्टूबर में इसमें 3.6% की बढ़त हुई है। जबकि सितंबर में इसमें 0.5% की बढ़त हुई थी। हालांकि इससे पहले इसमें लगातार 6 महीने तक गिरावट आई थी। टाटा संस के चेयरमैन ने कहा कि उम्मीद के कई कारण हैं। तमाम इंडीकेटर्स अनुमान से ज्यादा तेजी से रीबाउंड हो रहे हैं। सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 2022 में हम 11% की ग्रोथ देख सकते हैं। चंद्रसेकरन ने कोविड-19 के असर को कुछ मामलों में सकारात्मक भी बताया।  

उन्होंने कहा कि हालांकि रिकवरी और खुशहाली शानदार तरीके से लौटने लगी है, पर इसके लिए हमने काफी कीमत चुकाई है। चंद्रशेखरन ने देश में आर्थिक गतिविधियों को आगे बढ़ाने के बारे में कहा कि इसका मतलब है कि हमें न केवल सही रास्ते पर आना चाहिए, बल्कि तेजी से आना चाहिए।  

उन्होंने कहा कि डिजिटल और डेटा, जो पहले से ही उफान पर थे, वे कम से एक दशक आगे निकल गए हैं। पहले की अपेक्षा अब हर कोई ज्यादा से ज्यादा वीडियो कॉल पर अधिक समय बिता रहा है, और अधिक डिजिटल पेमेंट कर रहा है। यहां तक कि वीडियो पर ही डॉक्टर से सलाह ले रहे हैं। सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह कि बच्चे भी ऑनलाइन अध्ययन कर रहे हैं। 

चंद्रसेकरन ने कहा कि वर्क फ्रॉम होम का मॉडल अभी भी बढ़ रहा है, और सभी कंपनियां अब इसी के आधार पर भविष्य में काम करने पर विचार कर रही हैं। बड़े टेक स्टॉक्स अब एक ट्रिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के हो चले हैं। सबसे मूल्यवान टेक्नोलॉजी कंपनी टेस्ला है जो तीन OEM कंपनियों की कुल रकम से अधिक के मार्केट कैप के बराबर है। 

उन्होंने कहा कि 2020 ने अमेरिका और चीन को अलग-अलग कर दिया। देशों और कंपनियों को भविष्य के लिए अपने सप्लाई चेन के जोखिम को कम और बैलेंस करने की जरूरत होगी। टाटा संस के चेयरमैन ने कहा कि इन सभी रुझानों में मुझे भारत के लिए जबरदस्त और असीम अवसर दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि यह समय बिजली, लॉजिस्टिक और लेबर, उच्चतम ब्याज दरों और रेगुलेटर के अति हस्तक्षेप जैसे मुद्दों को पीछे रखने का है, जिसने देश के विकास को सीमित कर दिया है।  

चंद्रशेखरन ने कहा कि अगर आपको उन विचारों को समझना है जो 2020 के दशक में भारत से ताल्लुक रखते हैं तो हमें प्रतिभा, डेटा और बैंडविड्थ पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। हमें नए नियामक मानकों का हिस्सा बनने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जहां कंपनियों को बड़े पैमाने पर परियोजनाओं के बारे में सोचना होगा, वहीं सरकार को यह सुनिश्चित करके सक्षम बनाने की जरूरत है कि हर गांव के पास पर्याप्त डेटा, बैंडविड्थ हो। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *