आगामी बजट में सस्ते आवास के लिए डेवलपरों को बेहतर कर प्रोत्साहन दे सरकार : क्रेडाई
मुंबई- रियल एस्टेट कारोबारियों की संस्था क्रेडाई ने सरकार से आगामी बजट में किफायती आवास परियोजनाओं के निर्माण के लिए डेवलपर्स को कर प्रोत्साहन प्रदान करे ताकि बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके। 15,000 से अधिक डेवलपर्स का प्रतिनिधित्व करने वाली क्रेडाई ने किफायती आवास की परिभाषा के तहत निर्धारित 45 लाख रुपये की अधिकतम मूल्य सीमा को बढ़ाने की भी मांग की।
क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष शेखर पटेल ने कहा, हम सस्ते आवास की परिभाषा में बदलाव की मांग करते आ रहे हैं। 2017 में जब 45 लाख रुपये की अधिकतम मूल्य सीमा लागू की गई थी, तब से लागत में वृद्धि हुई है। संस्था का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन 19 दिसंबर से दिल्ली में शुरू हुआ है। पटेल ने किफायती आवास की परिभाषा में कहा कि 45 लाख रुपये की मूल्य सीमा को या तो समाप्त कर दिया जाना चाहिए या बढ़ाकर 90 लाख रुपये कर दिया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एसोसिएशन को उम्मीद है कि बजट में किफायती घरों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए कुछ सकारात्मक घोषणाएं की जाएंगी। राष्ट्रीय सचिव गौरव गुप्ता ने कहा, सीमा बढ़ाने से उपभोक्ताओं को लाभ होगा, क्योंकि सस्ते घरों पर जीएसटी केवल एक प्रतिशत है। ऐसे आवासों की मांग बढ़ाने के लिए निर्माण अनुबंधों पर डेवलपर्स की ओर से भुगतान किया जाने वाला जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया जाए। इससे अपार्टमेंट की कीमतें कम हो जाएंगी। गुप्ता ने कहा, सरकार ने इससे पहले भी इस तरह की परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहन दिया है।
रेरा से रियल एस्टेट में आई पारदर्शिता
शेखर पटेल ने कहा, रेरा कानून से रियल एस्टेट क्षेत्र में पारदर्शिता आई है। यह सेक्टर सालाना 10-12 फीसदी की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है। शहरों में बढ़ती जनसंख्या की चिंताओं को देखते हुए क्रेडाई अपने सदस्यों को ग्रीन बिल्डिंग निर्माण के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।एसोसिएशन ने 2047 तक कार्बन उत्सर्जन में शून्य होने का लक्ष्य रखा है। हम नासिक में 9,000 एकड़ और गुरुग्राम में 150 एकड़ भूमि पर वृक्षारोपण भी कर रहे हैं।

