निफ्टी-500 कंपनियों का मुनाफा जीडीपी के अनुपात में 17 साल के शीर्ष पर

मुंबई- भारत में कॉरपोरेट मुनाफे ने वित्त वर्ष 2024-25 में महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। निफ्टी-500 कंपनियों का लाभ जीडीपी के अनुपात में 4.7 प्रतिशत पर पहुंच गया, जो 17 साल का उच्च स्तर है। सूचीबद्ध भारतीय कंपनियों के लिए यह अनुपात और भी अधिक यानी 5.1 फीसदी था, जो 14 वर्षों का उच्च स्तर है।

मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, जीडीपी अनुपात में लाभ में निरंतर वृद्धि कई प्रमुख क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन से समर्थित थी। पिछले सात वर्षों से नकारात्मक योगदान करने वाला दूरसंचार क्षेत्र पिछले वित्त वर्ष में सकारात्मक हो गया। वृद्धि में योगदान देने वाले अन्य क्षेत्रों में सरकारी बैंक (0.07 प्रतिशत), स्वास्थ्य सेवा (0.04 प्रतिशत), उपभोक्ता (0.04 प्रतिशत), मेटल (0.03 प्रतिशत) और बुनियादी ढांचा (0.2 प्रतिशत) शामिल हैं।

हालांकि, कुछ क्षेत्रों में गिरावट देखी गई। तेल और गैस में सबसे अधिक 0.28 प्रतिशत की कमी रही। इसके बाद ऑटोमोबाइल (0.03 प्रतिशत), सीमेंट (0.02 प्रतिशत), यूटिलिटीज (0.02 फीसदी), निजी बैंक (0.01 फीसदी) और रिटेल (0.01 प्रतिशत) का स्थान रहा। चुनौतीपूर्ण माहौल के बावजूद निफ्टी-500 कंपनियों के कॉरपोरेट मुनाफे में सालाना आधार पर 10.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई।

यह प्रदर्शन ऐसे वर्ष के दौरान हासिल किया गया है, जिसमें खपत कम रही। चुनावों के कारण पहली छमाही में सरकारी खर्च में कमी आई और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच निर्यात में उतार-चढ़ाव रहा। सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध दोनों कंपनियों को शामिल करने पर अनुपात में 2023-24 में 7.3 प्रतिशत की तेज उछाल देखी गई, जिसका मुख्य कारण सूचीबद्ध फर्मों के मुनाफे में उछाल था।

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