जीएसटी संग्रह चौथी बार 1.60 लाख करोड़ रुपये, जून में 1.61 लाख करोड़ 

मुंबई- कर के मोर्चे पर लगातार बेहतरी जारी है। जून में जीएसटी संग्रह 1,61,497 करोड़ रुपये रहा है। एक साल पहले समान अवधि के 1,44,616 करोड़ की तुलना में यह 12 फीसदी अधिक है। यह चौथी बार है, जब संग्रह 1.60 लाख करोड़ से अधिक रहा है। मई में यह 1,57,090 करोड़ रुपये था। 

इस साल अप्रैल में अब तक का रिकॉर्ड 1.87 लाख करोड़, मार्च में 1.60 लाख करोड़ और अप्रैल, 2022 में 1.68 लाख करोड़ का संग्रह रहा है। वित्त मंत्रालय ने शनिवार को बताया, यह लगातार 16वां महीना है जब वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1.40 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। 

जून के कुल संग्रह में 31,013 करोड़ रुपये केंद्र सरकार के हिस्से (सीजीएसटी), 38,292 करोड़ राज्यों के (एसजीएसटी) और 80,292 करोड़ रुपये आईजीएसटी के हिस्से में मिले हैं। आईजीएसटी में 39,035 करोड़ सामानों के आयात से मिले हैं। 11,900 करोड़ रुपये उपकर से मिले हैं जिसमें 1,028 करोड़ रुपये सामानों के आयात से आए हैं। आईजीएसटी में से 36,224 करोड़ केंद्र के हिस्से में और 30,269 करोड़ रुपये राज्यों के हिस्से में गए हैं। नियमित निपटान के बाद केंद्र को 67,237 करोड़ और राज्यों को 68,561 करोड़ मिले हैं। 

विश्लेषकों के मुताबिक, जून में जीएसटी संग्रह उम्मीदों से अधिक रहा है। जीएसटी कानून का निपटान, माफी योजना और चोरी विरोधी अभियान वांछित परिणाम ला रहे हैं। इसके अलावा जीएसटीएन प्रणाली को मजबूत करने और विभिन्न विसंगतियों की रिपोर्ट तैयार करने से भी अधिकारियों को मदद मिल रही है। 

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में औसत संग्रह 1.69 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है। 2021-22 की पहली तिमाही में यह औसत 1.10 लाख करोड़ और 2022-23 की पहली तिमाही में औसत 1.51 लाख करोड़ रुपये का कलेक्शन रहा है।  

छोटे राज्यों में जीएसटी संग्रह तेजी से बढ़ा है। लक्ष्यद्वीप में सर्वाधिक 3,316 फीसदी, नगालैंड में 136 फीसदी, मिजोरम में 114 फीसदी, मणिपुर में 56 फीसदी, अंडमान निकोबार में 61 फीसदी और अरुणाचल प्रदेश में 55 फीसदी की तेजी रही है। 

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