एंबुलेंस कम पड़े तो ठेले और स्ट्रेचर के साथ कंधों पर लादकर अस्पताल पहुंचाए गए शव

मुंबई- अहमदाबाद विमान हादसे के शुरुआती समय में इतना भयावह और शवों के ढेर लगने की जानकारी नहीं थी। इसलिए जब शुरू में घटना की जानकारी मिली तो अस्पताल प्रशासन और राहत कार्य के लिए कुछ एंबुलेंस भेजे गए। लेकिन बाद में हालात यह हो गए कि एंबुलेंस की कमी हो गई और शवों को ठेले, स्ट्रेचर के साथ कंधे पर लादकर ले जाया गया। हादसे के बाद चारों तरफ चीख पुकार मची रही।

हादसे के बाद पहले तो अहमदाबाद से एंबुलेंस की व्यवस्था की गई, लेकिन कम पड़ने पर वडोदरा से भी 50 एंबुलेंस को सिविल अस्पताल में लगाया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, अस्पताल में स्ट्रेचर कम पड़ गए, इसलिए हाथ ठेले से कुछ शव अस्पताल में ले जा रहे हैं। इन शवों का जब अस्पताल में पहुंचना शुरू हुआ तो मृतकों के परिजन भी अस्पताल पहुंचने लगे। वे अपनों को बस एक झलक देखने की कोशिश कर रहे थे।

एंबुलेंस की कमी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां सिविल अस्पताल में एक-एक एंबुलेंस से तीन से चार शव ढोए जा रहे थे। शवों पर कोई कपड़े नहीं थे। हालांकि, जैसे ही शव अस्पताल पहुंच रहे थे वहां स्ट्रेचर को तैयार रखा गया था। जिस बिल्डिंग पर विमान गिरा, वहां पूरी तरह से अफरा तफरी का माहौल दिख रहा था। विमान की घटना के करीब 15 मिनट बाद फायर ब्रिगेड को पहला कॉल गया। इसमें बताया गया कि एयरपोर्ट के पास आग लगी है। इसी के बाद राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, हादसे के बाद शवों को 100 से 200 मीटर दूर तक गिरते हुए देखा गया। इन शवों को सिविल अस्पताल जब पहुंंचाया गया तो इनकी हालत इतनी खराब थी कि इनको पहचानना मुश्किल था। जो लोग अपने परिजनों को तलाश रहे थे, वे खुद शवों को देखकर नहीं पहचान पा रहे थे।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि एंबुलेंस और स्ट्रेचर के अलावा स्थानीय लोग और बचाव दल के कर्मचारियों ने कंधे पर भी कुछ शवों को ढोकर बाहर निकाला। मुख्य सड़क पर खड़े एंबुलेंस तक इन शवों को कंधों पर ढोया गया। ज्यादातर शव पूरी तरह जले थे।

हादसे में जीवित बचे एकमात्र यात्री रमेश ने बताया, टेकऑफ के 30 सेकंड बाद ही प्लेन जबरदस्त आवाज के साथ क्रैश हो गया। मुझे होश आया तो मेरे अगल-बगल लाशें ही लाशें थी। प्लेन के टुकड़े चारों तरफ बिखरे हुए थे। मुझे किसी ने उठाया और एंबूलेंस में डाल दिया। मेरा भाई भी मेरे साथ प्लेन में सफर कर रहा था। प्लीज उसे ढूंढने में मेरी मदद कीजिए।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि, धमाका इतना खौफनाक था कि आसपास की सड़कों पर लाशें बिखरी दिखीं। जले शवों को पहचानना तक मुश्किल हो रहा था। कुछ लोग सड़क पर पड़े एक महिला के कटे सिर का वीडियो बनाते दिखे। कुछ शव तो ऐसे थे, जो पूरी तरह से अकड़ गए थे और वे टेढ़े मेढ़े पड़े थे। मृतकों के अवशेषों को स्ट्रेचर पर रखकर हॉस्पिटल ले जाया जा रहा है।

घटनास्थल पर पहुंचे राहत कार्य दल के लोगों ने पहले तो शवों को उठाया, लेकिन बाद में मृतकों के शरीरे के हिस्से को उठाया गया। इसमें किसी का पैर तो किसी का हाथ मिला। कहीं कहीं तो शवों के बहुत मामूली अवशेष मिले हैं जिन्हें जोड़ कर स्ट्रेचर पर ले जाया गया। ज्यादातर शव जो बरामद हुए हैं और ठीक अवस्था में हैं, वह हॉस्टल के लोगों के हैं। विमान के यात्रियों के शव बुरी तरह जल गए हैं और उनके शरीर का पूरा हिस्सा एक साथ बरामद नहीं हो पाया है।

विमान की टक्कर इतनी जोरदार थी कि प्लेन का हिस्सा सिविल अस्पताल के अंदर तक घुस गया। इस वजह से विमान के कुछ हिस्से अस्पताल के ऊपर और अंदर से बरामद किए गए, कुछ उसके पास में जमीन पर गिरे मिले। हादसे वाले स्थल पर मृतकों के सारे सामान दिख रहे हैं। इसमें ज्यादातर ट्राली बैग हैं जो जली अवस्था में दिख रहे हैं। इसे राहत कार्यदल और स्थानीय लोग राख में से अलग करके एक ओर रख रहे हैं। कुछ लोगों ने बताया कि प्लेन का पिछला हिस्सा पहले बिल्डिंग से टकराया और वह आगे निकल निकल गया , हालांकि प्लेन का टायर बिल्डिंग के कमरों में अंदर तक घुस गए।

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