एक साथ कई कंपनियों के बीमा उत्पाद बेचने वाला प्रस्ताव हो सकता है वापस

मुंबई- बीमा एजेंटों के लिए उस प्रस्ताव को सरकार वापस ले सकती है, जिसमें एक साथ कई बीमा कंपनियों के उत्पाद बेचने को मंजूरी दी गई थी। यह प्रस्ताव बीमा अमेंडमेंट बिल में लाया गया था। इस फैसले से देश की बड़ी बीमा कंपनियों जैसे भारतीय जीवन बीमा निगम यानी एलआईसी और एसबीआई लाइफ को राहत मिलेगी।

एलआईसी की जीवन बीमा बाजार में करीब 58 फीसदी हिस्सेदारी है। इसी ने ने इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है। कंपनी अपने एजेंसी नेटवर्क पर बहुत अधिक निर्भर है, जिसकी कुल प्रीमियम आय का 94 फीसदी व्यक्तिगत एजेंटों के जरिये आता है। यह प्रस्ताव बीमा संशोधन अधिनियम के तहत कुछ महीने पहले जारी किए गए व्यापक परामर्श पत्र का हिस्सा था।

नेशनल फेडरेशन ऑफ इंश्योरेंस फील्ड वर्कर्स ऑफ इंडिया के महासचिव विवेक सिंह के नेतृत्व में हाल में एक प्रतिनिधि मंडल ने वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी से मुलाकात कर इस प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की थी। विवेक सिंह का कहना है कि अगर एक एजेंट कई कंपनियों का उत्पाद बेचना शुरू करेगा तो इससे उस कंपनी को बहुत ज्यादा घाटा होगा, जिसने एजेंटों को प्रशिक्षित करने पर पैसा और समय खर्च किया है।

एलआईसी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि उसने एजेंसी नेटवर्क बनाने में वर्षों का निवेश किया है और एजेंट की विशिष्टता को कम करने से यह निवेश कमजोर हो सकता है। यदि प्रस्ताव रद्द कर दिया जाता है तो मौजूदा नियम लागू रहेगा। यानी एक एजेंट एक ही कंपनी का उत्पाद बेच पाएगा।

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