सस्ते मकानों की बढ़ेगी मांग, खरीदारों में जोश, सस्ते लोन से होगा फायदा

मुंबई- भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने लगातार तीसरी बार ब्याज दरों में कमी की है। RBI के इस फैसले रियल एस्टेट उद्योग काफी खुश नजर आ रहा है क्योंकि उन्हें कर्ज सस्ता होने से मकानों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। साथ ही उन्हें उनकी परियोजनाओं के लिए भी सस्ता लोन मिलने से परियोजना लागत में कमी आने की उम्मीद है।

रियल एस्टेट उद्योग में खासकर मकानों की बिक्री लोन पर ज्यादा होती है। रीपो दर में कटौती के बाद बैंक लोन की ब्याज दरों में कटौती कर सकते हैं। दिल्ली-एनसीआर की प्रमुख रियल्टी कंपनी गौर समूह के सीएमडी मनोज गौड़ का कहना है कि RBI का रीपो दर 50 बेसिस प्वाइंट कम करने का फैसला देश के रियल एस्टेट सेक्टर में नई जान डालेगा।

रेट कट रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों तरह की प्रॉपर्टी के लिए अच्छा संकेत है। रियल एस्टेट संपत्ति सलाहकार फर्म एनारॉक समूह के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा कि रीपो दर घटने से उधार लेने की लागत कम हो जाती है। जिससे होम लोन की ईएमआई कम देनी पड़ेगी।

RBI के इस फैसले से भारतीय रियल एस्टेट क्षेत्र में खासकर किफायती और मध्यम आय वाले क्षेत्र में आवास मांग को बढ़ावा मिल सकता है। किफायती आवास को महामारी के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा और शीर्ष 7 शहरों में किफायती आवास की बिक्री और नए लॉन्च में कमी आई। नारेडको के राष्ट्रीय अध्यक्ष जी हरि बाबू ने कहा ने कि रीपो दर में कटौती रियल एस्टेट के लिए यह एक बेहतर कदम है। इस कटौती को बैंक अपने ग्राहकों को ट्रांसफर करेंगे। इससे होम लोन की दरों में गिरावट आने की उम्मीद है।

जेएलएल इंडिया में मुख्य अर्थशास्त्री डॉ. समंतक दास कहते हैं कि आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र के लिए रीपो दर में कटौती अधिक न्यायसंगत है क्योंकि 2025 की पहली तिमाही में मकानों की बिक्री में मामूली गिरावट दर्ज की गई। ऐसे में यह दर कटौती मकानों की बिक्री को बढ़ाने में मदद करने के लिए बिल्कुल सही समय पर की गई है।

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