एचडीबी फाइनेंशियल को मिली आईपीओ की मंजूरी, 12,500 करोड़ जुटाएगी

मुंबई- HDFC बैंक की नॉन-बैंकिंग सब्सिडियरी कंपनी HDB फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड को IPO के लिए सेबी से मंजूरी मिल गई है। कंपनी आईपीओ से 12,500 करोड़ रुपए जुटाना चाहती है। कंपनी के इस ऑफर में फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल दोनों शामिल हैं। 2007 में स्थापित HDB सिक्योर एंड अनसिक्योर्ड लोन प्रोवाइड करती है। पूरे भारत में इसकी 1,680 से ज्यादा ब्रांच हैं।

इश्यू में कंपनी 2,500 करोड़ रुपए के नए शेयर्स जारी करेगी। वहीं प्रमोटर HDFC बैंक कंपनी के 10,000 करोड़ रुपए के शेयर्स ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचेगा। कंपनी में HDFC बैंक की हिस्सेदारी 94.64% है। HDB फाइनेंशियल सर्विसेज ने पिछले साल अक्टूबर में IPO के लिए मार्केट रेगुलेटर मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस यानी DRHP फाइल किया था।

HDB के अलावा ए-वन स्टील्स इंडिया लिमिटेड, शांति गोल्ड इंटरनेशनल लिमिटेड, डॉर्फ-केटल केमिकल्स इंडिया लिमिटेड और श्रीजी शिपिंग ग्लोबल लिमिटेड को भी सेबी से IPO के लिए मंजूरी मिल गई है।

HDB फाइनेंशियल सर्विसेज का मार्केट कैप करीब 1.01 लाख करोड़ रुपए है। इसके नॉन लिस्टेड शेयरों की कीमत 1,275 रुपए है। लिस्ट होने के बाद मार्केट कैप के हिसाब से कंपनी सबसे बड़ी लिस्टेड फाइनेंस कंपनियों में से एक होगी।

बैंक को HDB का IPO लाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के मानदंडों का पालन करने के लिए सितंबर 2025 से पहले कंपनी को लिस्ट होना है। RBI ने सितंबर 2023 में आदेश दिया था कि ‘अपर लेयर’ के हिस्से के रूप में पहचानी गई NBFCs को 3 साल के अंदर स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होना होगा।

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