बैंकों में धोखाधड़ी की रकम एक साल में तीन गुना बढ़कर 36,000 करोड़ रुपये

मुंबई- एक साल में बैंकों में धोखाधड़ी तीन गुना बढ़ गई है। 2023-24 में कुल 12,230 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई थी, जो 2024-25 में बढ़कर 36,014 करोड़ रुपये हो गई। हालांकि, इस दौरान धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 36,060 से घटकर 23,953 पर आ गई।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की बृहस्पतिवार को जारी सालाना रिपोर्ट में कहा गया कि धोखाधड़ी की रकम में वृद्धि मुख्य रूप से सुप्रीमकोर्ट के 18,674 करोड़ रुपये के 122 मामलों के पुनर्वर्गीकरण के आदेश के कारण हुई है।

रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक संख्या के हिसाब से धोखाधड़ी के कुल मामलों में सरकारी बैंकों की हिस्सेदारी लगभग 60 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 71 प्रतिशत से अधिक है।निजी बैंकों में धोखाधड़ी में कार्ड/इंटरनेट और सरकारी बैंकों में लोन का ज्यादा योगदान रहा। अग्रिम राशि से संबंधित धोखाधड़ी की घटनाएं संख्या के हिसाब से 33 प्रतिशत से अधिक तथा मूल्य के हिसाब से 92 प्रतिशत से अधिक थीं।

वित्त वर्ष 2024-25 के अंत तक कार्ड और इंटरनेट धोखाधड़ी के 13,516 मामले या 56.5 प्रतिशत थे। ये आंकड़े वित्त वर्ष 2025 में दर्ज एक लाख रुपये और उससे अधिक की धोखाधड़ी से संबंधित हैं। डिजिटल भुगतान में धोखाधड़ी की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने भारत में बैंकों के लिए बैंकडॉटइन और गैर-बैंकों के लिए फिनडॉटइन के रूप में एक विशेष इंटरनेट डोमेन शुरू करने का प्रस्ताव दिया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी बैंकों में 6,935 मामलों में 25,667 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई। 2023-24 में 7,460 मामलों में 9,254 करोड़ और 2022-23 में 3,331 मामलों में 12,557 करोड़ की धोखाधड़ी हुई थी। निजी बैंकों में 2024-25 में 14,223 मामलों में 10,088 करोड़, 2023-24 में 24,207 मामलों में 2,722 करोड़ और 2022-23 में 8,971 मामलों में 5,206 करोड़ की धोखाधड़ी हुई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *