इंडसइंड बैंक के पूर्व एमडी और डिप्टी सीईओ समेत पांच पर सेबी का प्रतिबंध
मुंबई- सेबी ने इंडसइंड बैंक के पूर्व एमडी और सीईओ सुमंत कठपालिया, पूर्व डिप्टी सीईओ अरुण खुराना सहित पांच पर शेयर बाजार में कारोबार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। तीन अन्य लोगों में सुशांत सौरव, रोहन जथन्ना और अनिल मार्को राव शामिल हैं। सेबी ने बुधवार को अंतरिम आदेश में कहा, इन लोगों ने अप्रकाशित मूल्य संवेदनशील जानकारी होते हुए भी शेयरों में कारोबार किया। सेबी के आदेश से संकेत मिलता है कि और भी लोग जांच के दायरे में हैं।
इंडसइंड बैंक के पूर्व सीईओ सुमंत कठपालिया और अन्य ने डेरिवेटिव घाटे के सार्वजनिक होने से पहले इंडसइंड बैंक के शेयर बेच डाले थे। सेबी के पूर्णकालिक सदस्य कमलेश चंद्र वार्ष्णेय ने बुधवार को जारी आदेश में कहा, सभी पांचों को अगले आदेश तक किसी भी तरह से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिभूतियों की खरीद, बिक्री या लेनदेन करने से रोक दिया गया है। नियामक ने कहा, मामले की अभी भी विस्तृत जांच चल रही है।
सेबी ने पांचों व्यक्तियों के बैंक खातों और डीमैट खातों को भी फ्रीज कर दिया है। बैंक और उसके अधिकारियों को 15 दिनों के भीतर अपनी वित्तीय और परिसंपत्ति होल्डिंग्स का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। शीर्ष अधिकारियों के बीच आंतरिक ईमेल से पता चला है कि बैंक ने दिसंबर, 2023 तक 1,572 करोड़ रुपये के विपरीत वित्तीय प्रभाव का अनुमान लगाया था। हालांकि, यह जानकारी 10 मार्च, 2025 तक स्टॉक एक्सचेंजों को नहीं दी गई थी।
आदेश के मुताबिक, जो शेयरों की बिक्री की गई, वह दिसंबर, 2023 से 2024 के बीच की गई है। यानी विपरीत वित्तीय प्रभाव के अनुमान के तुरंत बाद पांचों ने अपने अधिकतर शेयर बेच दिए थे। कठपालिया ने 1.25 लाख शेयर व खुराना ने 3.48 लाख शेयर बेचे। सेबी ने पाया कि किसी ट्रेडिंग प्लान के तहत इसका खुलासा नहीं किया गया था। अंदरूनी लोगों ने संवेदनशील वित्तीय डाटा तक अपनी पहुंच का फायदा उठाया। घोषणा से पहले शेयर बेचकर, उन्होंने शेयर की कीमत गिरने के कारण होने वाले महत्वपूर्ण नुकसान से बचा लिया।
प्रतिबंध के अलावा, सेबी ने पांच व्यक्तियों से सामूहिक रूप से 19.78 करोड़ रुपये जब्त कर लिए हैं। बैंक के लेखा प्रमुख द्वारा कुछ कर्मचारियों को 30 नवंबर, 2023 को ईमेल भेज कर बताया कि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में विसंगतियों के चलते 1,749.98 करोड़ रुपये का असर बही खाता पर पड़ सकता है। 6, 7 और 8 दिसंबर, 2023 वाले ईमेल में 1,362 करोड़ की विसंगति का उल्लेख था। इसमें 1,572 करोड़ के अंतिम आंकड़े के बारे में 11 दिसंबर, 2023 को कुछ कर्मचारियों को सूचित किया गया था।