दरों में नरमी रही तो कच्चे तेल के आयात पर 1.8 लाख करोड़ बचा सकता है भारत
मुंबई-अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा दरों में नरमी जारी रही तो भारत कच्चे तेल के आयात पर 1.8 लाख करोड़ रुपये तक की बचत कर सकता है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा, भारत ने 31 मार्च, 2025 को समाप्त वित्त वर्ष में विदेशों से कच्चा तेल खरीदने पर 242.4 अरब डॉलर खर्च किए।
इक्रा के अनुसार, घरेलू उत्पादन से मांग की आधी पूर्ति होने के साथ तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के आयात पर भी 15.2 अरब डॉलर खर्च किए गए। इसमें 6,000 करोड़ रुपये बचत की उम्मीद है। इस हफ्ते की शुरुआत में विदेशी बाजार में तेल की कीमतें चार वर्ष के निचले स्तर 60.23 डॉलर प्रति बैरल पर आ गईं थीं।
ब्रेंट क्रूड फरवरी, 2021 के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ आ गया था। हालांकि, यूरोप और चीन की अधिक मांग और अमेरिका में कम उत्पादन के संकेतों के कारण यह बढ़कर 62.4 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। फिर भी दरें मार्च, 2024 की तुलना में 20 डॉलर कम हैं। इक्रा को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष के लिए कच्चे तेल की औसत कीमतें 60 से 70 डॉलर प्रति बैरल के दायरे में रहेंगी।