सस्ते होंगे कर्ज, मार्च तक 1.25 फीसदी घटेगा ब्याज लेकिन जमा पर होगा घाटा
मुंबई- आने वाले महीनों में कर्ज की ब्याज दरों में भारी गिरावट होने का अनुमान है। एसबीआई रिसर्च का दावा है कि मार्च तक कर्ज की ब्याज दरों में 1.25 फीसदी और कटौती हो सकती है। इस तरह चालू वित्त वर्ष में कुल दरों में 1.50 फीसदी की कमी हो सकती है। अप्रैल में 0.25 फीसदी की कटौती पहले ही हो चुकी है।
एसबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, कर्ज लेने वालों को भारी ब्याज दर से राहत मिल सकती है, लेकिन फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी पर ब्याज एक फीसदी कम हो सकता है। कम विकास दर और कम महंगाई से दरों में कटौती की भरपूर उम्मीद है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई जून और अगस्त में रेपो दर 0.75 फीसदी घटा सकता है। इस तरह पहली छमाही में एक फीसदी और दूसरी छमाही में 0.50 फीसदी कटौती होने की उम्मीद है।
खुदरा महंगाई अगले तीन महीने तक तीन फीसदी से नीचे रह सकती है। मार्च में यह 67 महीने के निचले स्तर पर चली गई थी। दिसंबर तक औसत चार फीसदी के नीचे रहने का अनुमान है। पूरे वित्त वर्ष में 3.7 से 3.8 फीसदी के बीच रह सकती है।
चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी की वृद्धि दर 6.3 फीसदी रह सकती है जो अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और एसएंडपी के अनुमानों के बराबर है। हालांकि, नॉमिनल जीडीपी की वृद्धि दर के 9 से 9.5 फीसदी रहने का अनुमान है।
आरबीआई बैंकिंग प्रणाली में तरलता बढ़ाने के लिए मई में 1.25 लाख करोड़ रुपये डालेगा। इससे दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की तरलता बढ़ जाएगी। अब तक बैंकों में चार लाख करोड़ रुपये डाले गए हैं। उधर, 2024-25 के लिए आरबीआई सरकार को अब तक का रिकॉर्ड 2.18 लाख करोड़ रुपये का लाभांश दे सकता है। बैंकों का लाभ लगातार सातवें वर्ष बढ़ने की उम्मीद है।
बैंकों की उधारी देने की वृद्धि दर जमा की तुलना में बहुत ज्यादा है। चार सरकारी बैंकों के आंकड़े बताते हैं कि वित्त वर्ष 2024-25 में एसबीआई की जमा वृद्धि दर 9.5 फीसदी रही जबकि उधारी की दर 12.1 फीसदी रही। बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जमा दर 13.4 फीसदी और उधारी की 17.8 फीसदी, सेंट्रल बैंक की 7.2 फीसदी और 15.2 फीसदी जबकि इंडियन ओवरसीज बैंक की जमा वृद्धि दर 9.1 फीसदी और उधारी की वृद्धि दर 14.2 फीसदी रही।