जापान, थाइलैंड, ताइवान, दक्षिण कोरिया और इंडोनेशिया से ज्यादा निवेश FII का भारत में

मुंबई– विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने नवंबर में अब तक 65,317 करोड़ रुपए का इक्विटी बाजार में शुद्ध निवेश किया है। ऐतिहासिक रूप से जब से FII भारत में निवेश कर रहे हैं, यह किसी एक महीने में सबसे ज्यादा शुद्ध निवेश रहा है। यही नहीं, इस वित्त वर्ष में भी अब तक का किसी एक वित्त वर्ष में निवेश का रिकॉर्ड बना है। इस वित्त वर्ष में अब तक 1.67 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध निवेश हुआ है। विश्लेषकों का मानना है कि दिसंबर में भी यह रुझान जारी रह सकता है। भारतीय शेयर बाजार में FII का कुल निवेश 10.55 लाख करोड़ रुपए के पार पहुंच गया है। 

विश्लेषकों के मुताबिक अब लॉकडाउन नाम मात्र का है। अर्थव्यवस्था पूरी तरह खुल चुकी है। वैक्सीन आने की उम्मीद जल्दी है। साथ ही दूसरी तिमाही में कंपनियों की अर्निंग अच्छी रही है। किसी भी एक तिमाही में सबसे ज्यादा मुनाफा दूसरी तिमाही में हुआ है जो 1.50 लाख करोड़ रुपए रहा है। दूसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुमानों को गलत बता दिया है। ऐसे में यह सभी कारण FII के लिए पॉजिटिव माहौल का निर्माण करते हैं।  

टॉप के 6 बाजारों की बात करें तो इस साल में अब तक केवल भारत में ही एफआईआई का पॉजिटिव निवेश रहा है। भारत में 1500 करोड़ डॉलर इस साल में शुद्ध निवेश रहा है। जबकि दक्षिण कोरिया में एफआईआई ने 1722 करोड़ डॉलर निकाले हैं तो ताइवान से 1672 करोड़ डॉलर की निकासी की गई है। थाइलैंड से 822 करोड़ डॉलर और इंडोनेशिया से 270 करोड़ डॉलर की रकम निकाली है। जापान से 7158 करोड़ डॉलर की निकासी एफआईआई ने की है।  

नवंबर की बात करें तो भारत में 900 करोड़ डॉलर से ज्यादा शुद्ध निवेश हुआ है। हालांकि नवंबर में जापान से 679 करोड़ डॉलर की निकासी हुई है। बाकी बाजारों में पैसा लगाया गया है। इसमें दक्षिण कोरिया के बाजार में 744 करोड़ डॉलर, ताइवान में 567 करोड़ डॉलर, थाइलैंड में 122 करोड़ डॉलर और इंडोनेशिया में 47 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया है।  

विश्लेषक कहते हैं कि दूसरी तिमाही के बाद तीसरी तिमाही में रिजल्ट और अच्छा रहेगा। त्यौहारी सीजन का रिजल्ट तीसरी तिमाही में दिखेगा। कंपनियों की अर्निंग अच्छी रहेगी। GDP की ग्रोथ पॉजिटिव हो सकती है। वैक्सीन आ चुकी होगी और साथ ही अर्थव्यवस्था में और तेजी आएगी। ऐसे में विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय इक्विटी बाजार एक पसंदीदा बाजार बना रहेगा। इस वित्त वर्ष में अभी भी 4 महीने बाकी हैं। जब कोरोना में FII ने रिकॉर्ड निवेश किया है तो अब तो कोरोना से बाहर देश निकल रहा है। ऐसे में अगले चार महीने में बेहतरीन निवेश FII से आएगा। 

विदेशी निवेशकों ने नवंबर में कुल 2 लाख 59 हजार 779 करोड़ रुपए का निवेश किया जबकि 1लाख 94 हजार 462 करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं। सबसे ज्यादा खरीदारी 27 नवंबर को हुई जिसमें 7,712 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे। इसी दिन GDP के आंकड़े भी आए। 11 नवंबर को 6,207 करोड़ रुपए, 10 नवंबर को 5,627 और 5 नवंबर को 5,368 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीदी की गई है।  

इसके ठीक उलट घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने भारी बिकवाली इक्विटी बाजार में की है। बाजार ऊपर जा रहा है तो DII भारी मुनाफा कमा कर शेयर बेच रहे हैं। DII ने अब तक कुल 48 हजार 319 करोड़ रुपए के शुद्ध शेयर बेचे हैं। इसमें उन्होंने 71 हजार 778 करोड़ रुपए के मूल्य के शेयरों की खरीदी की जबकि 1 लाख 20 हजार 97 करोड़ रुपए के शेयरों की बिक्री की। सबसे ज्यादा बिक्री 27 नवंबर को की गई जिसमें 4,968 करोड़ रुपए के शेयरों को बेचा गया।  

FII की बदौलत भारतीय शेयर बाजार भी इस समय अपने ऐतिहासिक उंचाई पर है। यह साल जहां कोरोना के लिए याद किया जाएगा, वहीं विदेशी निवेशकों के निवेश के लिए भी रिकॉर्ड वाला होगा। 

1992-93 से हुई थी एफआईआई निवेश की शुरुआत 

डिपॉजिटरी कंपनियों NSDL और CDSL के आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने 1992-93 में 13 करोड़ रुपए से निवेश की शुरुआत की थी।1993-94 में यह निवेश बढ़कर 5,127 करोड़ रुपए हो गया। 2003-04 में यह निवेश 39 हजार करोड़ रुपए हुआ तो 2007-8 में यह पहली बार 50 हजार करोड़ रुपए के पार पहुंच गया। 2009-10 में यह आंकड़ा 1.10 लाख करोड़ रुपए हो गया। 2012-13 में सबसे ज्यादा निवेश किया गया जो 1.40 लाख करोड़ रुपए था। पर उस रिकॉर्ड को अब इस वित्त वर्ष में तोड़ दिया गया है। 

कैलेंडर साल की बात करें यानी जनवरी से दिसंबर के बीच तो FII ने सबसे ज्यादा 2010 में निवेश किया है। इस साल में 133,266 करोड़ रुपए का निवेश किया गया था। 2019 में 101,120 करोड़ रुपए तो 2014 में 97 हजार करोड़ रुपए का निवेश किया गया। 2013 में 1.13 लाख करोड़ का निवेश किया गया तो 2012 में 1.28 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया गया। 

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