इक्विटी में 35 फीसदी से कम डेट निवेश पर लंबे समय का कर लाभ खत्म 

मुंबई- डेट म्यूचुअल फंड में लंबे समय के निवेश पर कर लाभ खत्म कर दिया गया है। हालांकि, यह उन स्थितियों में होगा, जब कोई म्यूचुअल फंड कंपनी डेट की कुल संपत्ति का इक्विटी में 35 फीसदी से कम निवेश करेगी। ऐसे मामले में निवेशकों को शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन के स्लैब के आधार पर कर देना होगा। इसके अलावा सोने, फंड ऑफ फंड और अंतरराष्ट्रीय इक्विटी के निवेश पर भी यह लागू होगा। 

कैसे और कब होगा लागू- शुक्रवार को सरकार ने संसद में वित्त विधेयक 2023 में संशोधन किया। इसमें इस तरह का प्रस्ताव पास हो सकता है। यह नियम एक अप्रैल, 2024 से लागू होगा, यानी अगले वित्त वर्ष के लिए। 

अभी क्या होता है-कोटक म्यूचुअल फंड की मुख्य निवेश अधिकारी (डेट) लक्ष्मी अय्यर कहती हैं कि तीन साल से ज्यादा निवेश वाली म्यूचुअल फंड की योजनाओं पर इंडेक्सेशन लाभ के साथ 20 फीसदी लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (एलटीसीजी) लगता है। अब यह खत्म हो गया है। इस फैसले से डेट फंड के निवेशक किसी और साधन में निवेश कर सकते हैं, जहां उन्हें कम टैक्स देना पड़े। 

असर क्या होगा- एमएफ किंग के एमडी डीडी शर्मा कहते हैं कि म्यूचुअल फंड कंपनियां इस असर से बचने के लिए इक्विटी में 35 फीसदी से ज्यादा निवेश कर सकती हैं। ऐसे में इस फैसले का कोई बहुत ज्यादा असर नहीं होगा। 

आंकड़ों की नजर में- देश में म्यूचुअल फंड उद्योग का असेट अंडर मैनेजमेंट 39.40 लाख करोड़ रुपये है। इसमें 12.41 लाख करोड़ रुपये डेट का हिस्सा है। कुल निवेशकों में 73 लाख निवेशक डेट के हैं। 

आप बैंक एफडी में जाएंगे तो इस फैसले के बाद भी घाटा होगा- मान लीजिए, आपने बैंक में 100 रुपये जमा किया। अगले साल 10 रुपये का ब्याज मिला। बैंक में जो भी ब्याज बनता है, उस पर मासिक या तिमाही आधार पर टैक्स खुद बैंक काट देता है। लेकिन म्यूचुअल फंड में अगर आप इस 110 रुपये को नहीं निकालते हैं तो आपका टैक्स नहीं कटेगा। आप जब अंत में पैसा निकालेंगे तो उस पर टैक्स लगेगा। ऐसी स्थिति में 110 रुपये में जो 10 रुपये ब्याज का है, उस पर भी आपको रिटर्न का फायदा मिलेगा, जो एफडी में नहीं होता है। 

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