सस्ती मिलेगी रसोई गैस, शुल्क तय करने के लिए आएगी नई सरकारी नीति
मुंबई- रसोई गैस सस्ती होने के आसार हैं। तेल एवं गैस नियामक पीएनजीआरबी ने नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए ग्राहकों तक गैस पहुंचाने वाली पाइपलाइन के लिए शुल्क तय करने के लिए नई नीति बनाने का प्रस्ताव दिया है।
पीएनजीआरबी ने मकानों में सीएनजी तथा पाइप के जरिये पहुंचाई जाने वाली रसोई गैस बेचने वाली शहरी गैस इकाइयों से न्यूनतम दर पर शुल्क वसूलने का प्रस्ताव भी रखा है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस विनियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने बंदरगाहों से आयातित गैस और प्राकृतिक गैस को इसके उत्पादन वाले क्षेत्रों से ले जाने वाली पाइपलाइन पर लगाए गए क्षेत्रीय शुल्कों में बदलाव के लिए सार्वजनिक परामर्श दस्तावेज जारी किया है।
उपरोक्त शुल्क उन पाइपलाइन पर लगाया जाता है जो बंदरगाहों से आयातित और प्राकृतिक गैस को इसके उत्पादन वाले क्षेत्रों से बिजली संयंत्र या उर्वरक इकाइयों जैसे ग्राहकों या यूरिया बनाने वाली उवर्रक इकाइयों या शहरी गैस इकाइयों तक पहुंचाती हैं। नियामक ने कहा, निवेश लाने और देश में विशेष रूप से सीएनजी और घरेलू पाइप्ड प्राकृतिक गैस (खाना पकाने के लिए घरों में रसोई में इस्तेमाल होने वाली) में गैस की खपत बढ़ाने के लिए एक और सुधार के तहत पीएनजीआरबी घरेलू ग्राहकों और परिवहन में इस्तेमाल होने वाली पाइप्ड प्राकृतिक गैस की कीमत कम करने का प्रस्ताव लाया है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि एकीकृत शुल्क क्षेत्रों को तीन से घटाकर दो किया जाए। सभी सीएनजी तथा पीएनजी घरेलू ग्राहकों के लिए एक एकीकृत शुल्क लगाया जाए। इन पर हितधारकों की राय पाने के लिए सार्वजनिक परामर्श दस्तावेज जारी किया गया है। इन संशोधनों से दूर-दराज के क्षेत्रों में सीएनजी तथा पीएनजी घरेलू कनेक्शन बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। पीएनजीआरबी ने पाइपलाइन बिछाने, पाइप से प्राकृतिक गैस वितरित करने और सीएनजी स्टेशन स्थापित करने के लिए संस्थाओं को अधिकृत किया है। दिसंबर, 2024 तक 7,395 सीएनजी स्टेशन और 1.4 करोड़ पीएनजी घरेलू कनेक्शन थे।