टैरिफ से भारत के सात अरब डॉलर के कलपुर्जे के निर्यात पर अनिश्चितता के बादल

मुंबई- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ऑटो आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने के फैसले से भारत के अमेरिका को लगभग सात अरब डॉलर के निर्यात पर अनिश्चितता पैदा हो गई है। इससे उद्योग को डर है कि उसका मार्जिन कम हो सकता है। भारत के ऑटो कलपुर्जा क्षेत्र की आय का लगभग पांचवां हिस्सा निर्यात से आता है। इसमें से 27 प्रतिशत अकेले अमेरिकी बाजार से आता है।

भारत अमेरिका को कारों का बड़ा निर्यातक नहीं है, लेकिन टाटा मोटर्स की लग्जरी कार सब्सिडियरी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) अमेरिकी बाजार में गहरी पैठ बना चुकी है। वित्त वर्ष 2024 में जेएलआर की चार लाख से अधिक बेची गई कारों में से करीब 23 फीसदी अमेरिका में बेची गईं। ये सभी कारें उसके ब्रिटेन प्लांट से निर्यात की गईं।

भारतीय ऑटो कलपुर्जा फर्मों को सबसे अधिक झटका लगेगा, क्योंकि वे अमेरिका को बहुत सारे उत्पाद निर्यात करती हैं। सोना बीएलडब्ल्यू प्रिसिजन फोर्जिंग्स, भारत फोर्ज और संवर्धन मदरसन इंटरनेशनल जैसी कंपनियां प्रमुख हैं जो सबसे अधिक प्रभावित होंगी। सोना बीएलडब्ल्यू का 43 प्रतिशत और भारत फोर्ज को 38 प्रतिशत राजस्व अमेरिकी निर्यात से मिलता है।

ट्रंप की घोषणा के मुताबिक, अप्रैल से ऑटो आयात पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगेगा। मई तक प्रमुख घटक जैसे इंजन और इसके कलपुर्जे, ट्रांसमिशन और पावरट्रेन पार्ट्स और इलेक्ट्रिकल घटकों के आयात पर टैरिफ लागू हो सकता है। यही भारत से अमेरिका को सबसे ज्यादा निर्यात होता है। विश्लेषकों का कहना है कि टैरिफ से ऑटो कलपुर्जा बनाने वाली भारतीय कंपनियां ज्यादा प्रभावित होंगी, क्योंकि यहां से अमेरिका को निर्यात काफी अधिक है।

ऑटो उद्योग के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का अमेरिका को ऑटो कलपुर्जा निर्यात 6.79 अरब डॉलर था। अमेरिका से आयात 15 प्रतिशत शुल्क पर 1.4 अरब डॉलर था। ट्रंप के टैरिफ में भारत को निशाना नहीं बनाया गया है। यह टैरिफ देश के प्रतिस्पर्धियों पर भी लागू होता है। यह कदम निश्चित रूप से प्रभाव डालेगा, लेकिन यह कोई सुनामी नहीं है। यह बहुत बड़ा झटका नहीं है।

ट्रंप के नए कदम से कुछ भारतीय वाहन निर्माता, जो इलेक्ट्रिक वाहनों सहित नए उत्पादों के साथ अमेरिकी बाजार सहित वैश्विक विस्तार की तलाश कर रहे थे, उनको अपनी योजनाओं पर फिर से विचार करना होगा। थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा, ट्रंप की नई घोषणा का प्रभाव भारत के ऑटो उद्योग पर सीमित रहेगा, तथा यह घरेलू निर्यातकों के लिए अवसर भी हो सकता है।

अमेरिका को ट्रक निर्यात केवल 1.25 करोड़ डॉलर रहा, जो भारत के वैश्विक ट्रक निर्यात का 0.89 प्रतिशत है। हालांकि, इंजन लगे कार चेसिस पर कुछ असर पड़ने की संभावना है, जहां भारत के 24.69 करोड़ डॉलर के वैश्विक निर्यात में अमेरिका का हिस्सा 2.82 करोड़ डॉलर (11.4 प्रतिशत) था। जिस क्षेत्र पर सबसे अधिक ध्यान देने की जरूरत है, वह है ऑटो पार्ट्स। भारत ने 2024 में अमेरिका को 2.2 अरब डॉलर मूल्य के ऑटो पार्ट्स निर्यात किए, जो उसके वैश्विक ऑटो पार्ट्स निर्यात का 29.1 प्रतिशत है।

ट्रंप के फैसले के बाद भारतीय शेयर बाजार में ऑटो शेयरों में तेज गिरावट देखी गई। सुबह के कारोबार में छह फीसदी तक शेयर टूट गए थे। टाटा मोटर्स सबसे अधिक 5.56 फीसदी गिरकर बंद हुआ। अशोक लेलैंड 2.77 फीसदी, महिंद्रा एंड महिंद्रा 0.35 फीसदी और अपोलो टायर्स 0.24 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *