शीर्ष 500 कंपनियों का मूल्य पिछले साल 324 लाख करोड़ रुपये के पार

मुंबई- देश की सबसे मूल्यवान और गैर सरकारी 500 कंपनियों का कुल मूल्य 2024 में 324 लाख करोड़ रुपये यानी 3.8 लाख करोड़ डॉलर को पार कर गया है। 2023 में यह 3.5 लाख करोड़ डॉलर था। यह मूल्य संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), इंडोनेशिया और स्पेन की संयुक्त और भारत की भी अर्थव्यवस्था के आकार से ज्यादा है।

एक्सिस बैंक की बरगंडी प्राइवेट और हुरुन इंडिया की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में इस सूची में शामिल होने वाली कंपनियों का आकार बढ़ाकर 9,580 करोड़ रुपये कर दिया गया जो 2023 में 6,700 करोड़ रुपये से 43 प्रतिशत अधिक है। सूची की शुरुआत के बाद पहली बार प्रत्येक कंपनियों का मूल्य कम से कम एक अरब डॉलर है, जबकि इस दौरान डॉलर की तुलना में रुपये में भारी गिरावट आई है।

रिपोर्ट के अनुसार, उपरोक्त कंपनियां 84 लाख लोगों को रोजगार देती हैं। सूची में आईटीसी सातवें स्थान पर है जिसका मूल्य 5.81 लाख करोड़ रुपये आंका गया है। 2023 की तुलना में केवल 8 फीसदी बढ़ा है। एलएंडटी का मूल्य 35 फीसदी बढ़कर 5.43 लाख करोड़, एचसीएल टेक का 51 फीसदी बढ़कर 5.18 लाख करोड़ और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का मू्ल्य 201 फीसदी बढ़कर 4.70 लाख करोड़ रुपये हो गया है।

सूची में बेहतर प्रदर्शन करने वाली अन्य कंपनियों में मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज है। इसका मूल्य सबसे तेज 297 प्रतिशत बढ़ा है। आईनॉक्स विंड और जेप्टो के मूल्य में भी करीब तीन गुना की तेजी आई है। हालांकि, मूल्य के आधार पर रैंक की गई इन 500 कंपनियों में से लगभग 60 प्रतिशत फॉर्च्यून इंडिया 500 में शामिल नहीं हैं।

इस सूची में सरकारी कंपनियां शामिल नहीं हैं। इसलिए 7.70 लाख करोड़ रुपये के मूल्य के बावजूद एसबीआई इससे बाहर है। अगर मूल्य के आधार पर इन कंपनियों को शामिल किया जाता तो कम से कम 100 से अधिक सरकारी कंपनियों को इसमें स्थान मिल जाता। खासकर, एलआईसी, एनटीपीसी, ओएनजीसी आदि शीर्ष 50 में शामिल हो जातीं।

भारती एयरटेल 9.74 लाख करोड़ रुपये के मूल्यांकन व 75 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दो स्थान ऊपर चढ़कर पहली बार शीर्ष-5 में पहुंच गई है। 4.7 लाख करोड़ रुपये के साथ एनएसई भी पहली बार शीर्ष-10 कंपनियों में शामिल हो गई है।

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