बाजार में गिरावट के बाद भी जनवरी में इक्विटी फंड में 40,000 करोड़ रुपये का निवेश

मुंबई- शेयर बाजार में भारी गिरावट के बावजूद जनवरी में इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में कुल 39,687 करोड़ रुपये का नेट निवेश आया है, जो दिसंबर 2024 में आए 41,155 करोड़ रुपये से 3.6% कम है। हालांकि, यह 2024 के औसत मासिक निवेश से 21% ज्यादा रहा।

म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का कुल AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट) बढ़कर 67.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया। सभी तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम्स में कुल 1.88 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है। सबसे ज्यादा निवेश थीमैटिक, स्मॉलकैप और फ्लेक्सीकैप फंड्स में इक्विटी फंड्स की 11 सब-कैटेगरी में सबसे ज्यादा निवेश थीमैटिक फंड्स में हुआ, जिसमें 9,017 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया। इसके बाद, स्मॉलकैप फंड्स में 5,721 करोड़ रुपये और फ्लेक्सीकैप फंड्स में 5,698 करोड़ रुपये का निवेश हुआ।

गौर करने वाली बात यह रही कि स्मॉलकैप फंड्स में निवेश 22% बढ़ा, जबकि इस दौरान स्मॉलकैप सेक्टर में भारी गिरावट आई। जनवरी में निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स में 9.9% की भारी गिरावट आई, जो मई 2022 के बाद इसकी सबसे खराब मासिक परफॉर्मेंस रही। इसी तरह, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में भी 6.1% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, इस गिरावट के बावजूद मिडकैप फंड्स में निवेश जारी रहा।

जनवरी में मिडकैप फंड्स में 5,148 करोड़ रुपये का नेट इनफ्लो हुआ, जो दिसंबर 2024 के 5,093 करोड़ रुपये से अधिक था। फरवरी में भी बाजार में गिरावट जारी है, और अब तक निफ्टी स्मॉलकैप 100 व निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स में 5% और गिरावट दर्ज की गई है। इसके बावजूद, निवेशक लगातार स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में पैसा लगा रहे हैं, जिससे इन सेक्टर्स की वैल्यूएशन को लेकर बहस तेज हो गई है।

ICICI प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) एस. नरेन ने हाल ही में एक डिस्ट्रीब्यूटर कॉन्फ्रेंस में स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में निवेश को लेकर आगाह किया। उन्होंने कहा, “यह समय इन सेक्टर्स से पूरी तरह बाहर निकलने का है। मैं नहीं मानता कि अभी स्मॉलकैप और मिडकैप फंड्स में SIP जारी रखना सही होगा। ये सेक्टर जरूरत से ज्यादा महंगे हो चुके हैं। अगर कोई महंगे एसेट क्लास में SIP करता है, तो उसकी जिम्मेदारी खुद की होगी।”

उन्होंने भारतीय बाजार की स्थिति की तुलना 1994, 2007-08 और तीन साल पहले के चीन के शेयर बाजार से करते हुए कहा कि स्मॉलकैप और मिडकैप सेक्टर ‘ओवरवैल्यूड’ जोन में जा चुके हैं।

एस. नरेन के इस बयान के बाद म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री में बहस तेज हो गई है। एडलवाइस म्यूचुअल फंड की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने एक प्रेजेंटेशन साझा किया, जिसमें दिखाया गया कि 2019 से अब तक 10 साल की रोलिंग SIP रिटर्न्स ज्यादातर कैटेगरीज में निगेटिव नहीं रहे हैं।

इस बीच, स्मॉलकैप और मिडकैप इंडेक्स सितंबर 2024 में अपने पीक से क्रमशः 19% और 17% तक गिर चुके हैं। इससे इक्विटी वैल्यूएशन में नरमी आई है, लेकिन नए SIP निवेशकों के लिए एक साल का रिटर्न निगेटिव हो गया है।

जनवरी में डेट फंड्स में 1.29 लाख करोड़ रुपये का इनफ्लो हुआ, जबकि गोल्ड ईटीएफ में 3,751 करोड़ रुपये का निवेश आया। पूरे म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का AUM जनवरी के अंत में 68 लाख करोड़ रुपये रहा, जो दिसंबर में 69.33 लाख करोड़ रुपये था।

एसआईपी में निवेशकों का भरोसा बरकरार है। जनवरी में SIP के जरिए 26,400 करोड़ रुपये बाजार में आए। दिसंबर में यह आंकड़ा 26,459 करोड़ रुपये था, जबकि नवंबर में 25,320 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।

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