पेट्रोल-डीजल के बजाय जौ और गन्ने के जूस से बने ईंधन से चलेंगी गाड़ियां
मुंबई- सरकार इस समय फ्लेक्स फ्यूल (Flex Fuel) पर तेजी से काम कर रही है। देश में फ्लेक्स फ्यूल मिलना भी शुरू हो गया है। इसे ई10, ई20, ई100 आदि के नाम से जानते हैं। सबसे खास बात है कि इसे इथेनॉल (एथिल एल्कोहॉल) से तैयार किया जाता है।
देश में इस समय ऐसी गाड़ियां चल रही हैं जिनमें ई10, ई20, ई100 आदि ईंधन इस्तेमाल होता है। हालांकि इस ईंधन को हर गाड़ी में इस्तेमाल नहीं कर सकते। इसके लिए कंपनियां भी गाड़ियों के इंजन को डेवलप कर नई गाड़ियां लॉन्च कर रही हैं। ई कैटेगरी के ईंधन से चलने वाली गाड़ियों में साधारण पेट्रोल भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
यहां ई का मतलब इथेनॉल और इसके बाद आने वाले नंबर (10, 20 या 100) का मतलब ईंधन में मौजूद इथेनॉल के प्रतिशत से होता है। बात अगर ई20 फ्यूल यानी ईंधन की करें तो इसका मतलब हुआ कि उस ईंधन में 20 फीसदी इथेनॉल और बाकी पेट्रोल है। ऐसा ईंधन ही फ्लेक्स फ्यूल कहलाता है। इस फ्यूल से चलने वाली गाड़ियों के इंजन में बदलाव किए जाते हैं।
इथेनॉल को गन्ने से तैयार किया जाता है। इसके अलावा इसे शर्करा वाली फसलों जैसे चुकंदर, फल, जौ, मक्का, गेहूं, खजूर और नारियल से भी तैयार किया जाता है। साथ ही इसे कृषि अवशेषों से भी तैयार किया जा सकता है।
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा, 85% तक इथेनॉल पर चलने वाले मोटरबाइक, ऑटो और कार सहित 19 वाहन भारतीय मोबिलिटी परिदृश्य को बदलने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इसे भारत की ग्रीन एनर्जी में भी बड़ा बदलाव बताया। उन्होंने लिखा, ‘भारत ने जून 2022 में 5 महीने पहले ही 10% इथेनॉल मिश्रण हासिल कर लिया है।