ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को मिली राहत, जीएसटी नोटिस पर कोर्ट की रोक
मुंबई-सुप्रीम कोर्ट ने ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के खिलाफ 1.12 लाख करोड़ रुपए के गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) के कारण बताओ नोटिस पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने आदेश दिया कि GST नोटिस की आगे की कार्यवाही तब तक के लिए स्थगित रहेगी जब तक कि कोई निश्चित समाधान नहीं निकल जाता।
यह मामला वित्त वर्ष 2022-23 और वित्त वर्ष 2023-24 के शुरुआती सात महीने का है। ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों का कहना है कि 1 अक्टूबर 2023 तक 28% की बजाय 18% की दर से GST लगाई जाए क्योंकि 28% की दर से टैक्स का नियम 1 अक्टूबर से लागू होना था। जबकि, सरकार का कहना है कि 1 अक्टूबर को जो संशोधन हुआ था, वह पहले से ही लागू कानून का स्पष्टीकरण था।
गेमिंग कंपनियों का सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रख रहे वकील अभिषेक ए रस्तोगी ने कहा – यह रोक गेमिंग कंपनियों पर टैक्स अधिकारियों की संभावित कार्रवाई के दबाव को कम करती है। सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि इस मामले में मांगे समय सीमा से बाहर न हो जाएं, जिससे कानूनी प्रक्रिया बिना किसी रुकावट के जारी रह सके।
शीर्ष अदालत ने गेमिंग कंपनियों के से जुड़े मामलों को एक साथ जोड़ने का निर्देश दिया है। दरअसल, इस मामले पर देश के अलग अलग हाई कोर्ट में बहुत सारी याचिकाएं दाखिल की गईं थीं। कोर्ट ने इस सभी मामलों को अपनी अदालत में ट्रांसफर कर लिया और जो भी फैसला सुनाया जाएगा वो सभी के लिए होगा। अब इन मामलों की अगली सुनवाई 18 मार्च 2025 को होगी।