2027 तक 24 लाख ब्लू-कॉलर रोजगार होंगे पैदा, क्विक कॉमर्स क्षेत्र में सबसे ज्यादा पांच लाख
मुंबई- देश में विभिन्न उद्योगों में 2027 तक 24.3 लाख ब्लू-कॉलर (श्रम करने वाले कुशल और अर्ध-कुशल) मजदूरों की आवश्यकता होगी। क्विक कॉमर्स के तेज रफ्तार से बढ़ने से अकेले इस क्षेत्र में ही सबसे ज्यादा पांच लाख ब्लू-कॉलर रोजगार सृजित होने की उम्मीद है। हायरिंग प्लेटफॉर्म इनडीड ने एक सर्वे में यह दावा किया है।
इनडीड इंडिया के बिक्री प्रमुख शशि कुमार ने कहा, देश में क्विक कॉमर्स उद्योग तेज वृद्धि की राह पर अग्रसर है। हम इस मांग को पूरा करने के लिए ब्लू-कॉलर कर्मचारियों की नियुक्तियों में महत्वपूर्ण बदलाव देख रहे हैं। क्विक कॉमर्स कंपनियों ने त्योहारी खरीदारी और ई-कॉमर्स की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए पिछली तिमाही में 40,000 से अधिक कर्मचारियों को काम पर रखा।
सर्वे में कहा गया है कि ऑटोमेशन और डिजिटल उपकरणों को अपनाने से कौशल के प्रकार में भी बदलाव हो रहा है। नियोक्ताओं में उन प्रतिभावान कर्मचारियों की सबसे ज्यादा मांग है, जो नेविगेशन एवं ड्राइविंग, डिजिटल साक्षरता, डाटा एनालिसिस, प्रबंधन और टेक सपोर्ट जैसे पांच कौशल से लैस हैं। इसका मकसद प्रौद्योगिकी-संचालित माहौल में श्रमबल की क्षमता और दक्षता बढ़ाना है।
दिल्ली, चेन्नई, पुणे, बंगलूरू और मुंबई जैसे प्रमुख शहरों में ब्लू-कॉलर मजदूरों की भर्तियों में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि इन शहरों में क्विक कॉमर्स तेजी से बढ़ रहा है। चंडीगढ़ और अहमदाबाद जैसे टियर-2 शहरों में भी रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
सर्वे के मुताबिक, डिलीवरी ड्राइवर और खुदरा कर्मचारियों सहित ब्लू-कॉलर कर्मचारियों का औसत मासिक वेतन करीब 22,600 रुपये है। पीक सीजन के दौरान इन कर्मचारियों को बोनस भी मिलता है। कई कंपनियां स्मार्टफोन और रेफरल रिवॉर्ड जैसे प्रोत्साहन भी देती हैं।