महंगाई और वृद्धि अनुमानों में गलतियों से निपटेगा आरबीआई, समीक्षा में नए आंकड़े होंगे शामिल

मुंबई। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने महंगाई और विकास पूर्वानुमान में हो रही गलतियों को कम करने के लिए सभी साधनों की समीक्षा शुरू की है। उन्होंने अपनी टीम के साथ कई बैठक की है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि जो पहले अनुमान लगाए जा रहे थे, उसमें गलती क्यों हो रही है।

मल्होत्रा महंगाई और विकास दोनों पर आरबीआई के पूर्वानुमान गलतियों पर अंकुश लगाना चाहते हैं। आरबीआई अनौपचारिक अर्थव्यवस्था पर एकत्र किए गए आंकड़ों का विस्तार करना चाहता है, जिससे वर्तमान में सटीक अनुमान लगाने में गलती हो सकती है।

दिसंबर की मौद्रिक नीति समिति बैठक में 2024-25 के विकास के आंकड़े को सुधार कर 7.2 प्रतिशत से कम करके 6.6 प्रतिशत किया गया। महंगाई दर का अनुमान 4.5 से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत किया गया। सरकार का अनुमान उससे भी कम हो गया। ऐसा तब हुआ जब जुलाई-सितंबर तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि अप्रत्याशित रूप से गिरकर 5.4 प्रतिशत हो गया था। नवंबर में मुद्रास्फीति फिर से बढ़ गई।

पुराने अनुमान के साधन और तरीकों की समीक्षा की गई है कि उन्हें जारी रखा जाए, या वापस लिया जाए। दिसंबर में कार्यभार संभालने वाले मल्होत्रा ने आरबीआई की आंतरिक टीमों से मुद्रास्फीति और विकास पूर्वानुमानों में नए डाटासेट, विश्लेषण और अनुमान शामिल करने के लिए भी कहा है। यह समीक्षा केंद्रीय बैंक के विकास और मुद्रास्फीति अनुमानों की बढ़ती जांच के बीच आई है, जो चालू वित्त वर्ष के अधिकांश समय में लक्ष्य से बाहर रहे हैं। खासकर विकास अनुमान उम्मीद से काफी कमजोर और महंगाई लक्ष्य से अधिक रही है।

आरबीआई आय और खर्च के रुझान को बेहतर ढंग से मापने के लिए जरूरी डाटासेट बढ़ाने पर विचार करेगा। इसके लिए, छोटे डिजिटल भुगतान के रुझान के साथ-साथ खाद्य वितरण एप और ऑनलाइन टैक्सी एग्रीगेटर्स के डाटा भी शामिल हो सकते हैं। खुदरा व औद्योगिक गतिविधि का आकलन करने के लिए ईंधन उपयोग के विभिन्न घटकों का विवरण भी जोड़ा जा सकता है।

मुद्रास्फीति के अनुमानों में सुधार करने के लिए भोजन जैसी अस्थिर वस्तुओं में मूल्य में उतार-चढ़ाव को रोकने के लिए मशीन लर्निंग टूल का उपयोग होगा। मुद्रास्फीति पर आरबीआई के पूर्वानुमान आम तौर पर गलत हो जाते हैं क्योंकि खाद्य कीमतें काफी अस्थिर होती हैं। आरबीआई थोक बाजार के आंकड़ों पर निर्भर रहता है और यही कारण है कि गलतियों की संभावना रहती है।

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