चुनौतियों के बीच पहली तिमाही में आईटी कंपनियों में 21,327 कर्मचारी घटे
मुंबई- राजस्व के लिहाज से शीर्ष 10 सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों ने अप्रैल-जून तिमाही में 21,327 कर्मचारियों को निकाल दिया है। पिछले साल इसी अवधि में इन्होंने 69,634 कर्मियों की भर्ती की थी। वैश्विक स्तर पर पैदा हुई चुनौतियों के कारण कंपनियां खर्च घटाने के लिए ऐसे कदम उठा रही हैं।
जानकारी के मुताबिक, राजस्व के लिहाज से शीर्ष 6 कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या घटी है। जबकि चार कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या बढ़ाई है। 6.15 लाख कर्मचारियों वाली टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) ने पहली तिमाही में केवल 523 कर्मचारियों की भर्ती की जबकि परसिस्टेंट ने 241 लोगों को नौकरी दी। कोफोर्ज ने एक हजार और एलटीटीएस ने 1,159 लोगों की भर्ती की।
टेक महिंद्रा, विप्रो और एलटीआई माइंडट्री ने पिछली तीन तिमाहियों में एक भी नई भर्ती नहीं की है। नैस्कॉम के अनुसार देश का आईटी सेक्टर सबसे ज्यादा रोजगार देता है। इसमें कुल 54 लाख कर्मचारी हैं। कंपनियों का कहना है कि उन्होंने 2022 में अच्छे समय में ज्यादा भर्तियां की थीं। इसलिए इस बार कम भर्तियां कर रही हैं। अब वे मौजूदा प्रतिभा को निखारने, उपयोग बढ़ाने, पहले काम पर रखे गए नए लोगों को उत्पादक बनाने और अपने मार्जिन का बचाव करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
कंपनियों की शुद्ध नियुक्ति के मोर्चे पर भी दूसरी या तीसरी तिमाही में तेजी के कोई संकेत नहीं हैं। दिसंबर तिमाही इन कंपनियों के लिए मौसमी रूप से कमजोर तिमाही है। इस परिप्रेक्ष्य में या तो आगे कर्मचारियों की नियुक्ति में और कमी हो सकती है या यह पहले की जितनी ही रह सकती है।
स्टाफिंग उद्योग से जुड़े लोगों को भी अगली तिमाहियों में नए कर्मचारियों की नियुक्ति में किसी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। उनका कहना है कि आईटी क्षेत्र काफी धीमा हो गया है। अर्नर्स्ट एंड यंग (ईवाई) के अनुसार, भारत में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर (जीसीसी) में काम करने वाले लोगों की संख्या 16-19 लाख के बीच है। 2030 तक इसके 45 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।