बुरी तरह से पिटेगी जीडीपी, सरकार ने कहा, चार साल के निचले स्तर पर पहुंचेगी

मुंबई- सरकार ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद यानी, GDP का अनुमान 6.4% पर बरकरार रखा है। सांख्यिकी मंत्रालय ने कहा, एक साल पहले यानी, 2023-24 में ये आंकड़ा 8.2% था। मैन्युफैक्चरिंग और इन्वेस्टमेंट ग्रोथ में संभावित गिरावट के कारण इस बार GDP ग्रोथ का अनुमान घटाया गया है। यह अनुमान आरबीआई के 6.6 फीसदी और वित्त मंत्रालय के अनुमान से भी कम है।

वित्त वर्ष 2022 में 9.7%, 23 में 7%, 24 में 8.2% की ग्रोथ दर्ज हुई थी। यानी पिछले 4 साल में GDP ग्रोथ 7% या उससे ऊपर ही रही है। पहली बार यह 7% से नीचे आ सकती है।

ग्रॉस वैल्यू एडेड यानी, GVA के आंकड़ों से पता चलता हैं कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मंदी आ सकती है। इसकी ग्रोथ पिछले साल के 9.9% से घटकर 5.3% रहने का अनुमान है। वहीं इन्वेस्टमेंट ग्रोथ ने भी निराश किया है और पिछले साल की 9% की ग्रोथ से घटकर यह 6.4% रह गई है।

क्रिसिल के चीफ इकोनॉमिस्ट धर्मकीर्ति जोशी ने कहा, दूसरी तिमाही में स्लोडाउन, कम राजकोषीय प्रोत्साहन, ऊंची ब्याज दरें और कर्ज देने के सख्त नियमों के कारण भारत की जीडीपी ग्रोथ पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 8.2% से घटकर 6.4% पर आ सकती है। धीमी जीडीपी ग्रोथ के बावजूद भारत प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच अभी भी सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बना हुआ है।

वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही में सुस्त रहने के बावजूद मंत्रालय को उम्मीद है कि दूसरी छमाही में कृषि और औद्योगिक गतिविधियों में बढ़ोतरी के साथ-साथ ग्रामीण मांग के चलते ग्रोथ बनी रहेगी। इस वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में चीन की GDP ग्रोथ 4.6% रही। वहीं जापान की जीडीपी 0.9% की दर से बढ़ी है।

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