भारत में गांव-गांव तक मारुति पहुंचाने वाले सुजुकी के पूर्व चेयरमैन का निधन
मुंबई-सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन ओसामु सुजुकी का 94 साल की उम्र में निधन हो गया है। वे लिम्फोमा नाम की बीमारी से पीड़ित थे। ओसामु का जन्म 30 जनवरी, 1930 को जापान के गेरो में हुआ था। पेशे से बैंकर ओसामु ने 1958 में सुजुकी परिवार की बेटी शोको सुजुकी से विवाह किया और उनका (पत्नी) सरनेम लिया। इसी साल वे सुजुकी में भी शामिल हुए।
दुनियाभर में सुजुकी के विस्तार का श्रेय ओसामु को ही दिया जाता है। उन्हीं के प्रयास से सुजुकी की छोटी कारों और मोटरसाइकिलों को दुनियाभर में एक अलग पहचान मिली। ओसामु कंपनी के साथ कई दशक तक जुड़े रहे। वे दो बार कंपनी के चेयरमैन बने। इस पद पर सबसे ज्यादा समय तक रहने वाले व्यक्ति हैं।
उन्हीं के गाइडेंस में सुजुकी मोटर ने जनरल मोटर्स और फॉक्सवैगन के साथ स्ट्रैटेजिक साझेदारी की। 1980 के दशक में भारतीय मार्केट में एंट्री करना उनका सबसे साहसिक कदम माना जाता है। 1982 में सुजुकी ने भारत सरकार के साथ एक जॉइंट वेंचर बनाया, इसमें मारुति उद्योग का निर्माण हुआ। इस साझेदारी ने मारुति 800 नाम की एक छोटी कार पेश की। लॉन्चिंग के साथ ही यह मॉडल भारतीय बाजार में हिट हो गया और सुजुकी को एक मजबूत जगह दिलाई।
47,500 रुपए की एक्स शोरूम कीमत पर कंपनी ने देश के एक बड़े तबके को कार खरीदने के सक्षम बनाया था। मारुति सुजुकी पिछले 40 साल में देश में करीब 3 करोड़ गाड़ियां बेच चुकी है। बीते कई साल से मारुति सुजुकी भारत की सबसे बड़ी कार मैन्युफैक्चरर है।
सुजुकी का कार्यकाल चुनौतियों से भरा रहा। उन्हें जापान में फ्यूल-इकोनॉमी टेस्टिंग स्कैंडल का सामना करना पड़ा। इस केस के चलते उन्हें 2016 में कंपनी के CEO के पद से इस्तीफा देना पड़ा। रिटायरमेंट के बाद भी सुजुकी ने कंपनी में अपने एक्सपीरियंस का इस्तेमाल करते हुए एडवाइजर की भूमिका निभाई।