नए मकान खरीदने में मिलेनियल्स और जेन जेड का होगा 60 फीसदी हिस्सा
मुंबई- आवासीय बाजार में तेजी से 2030 तक नए मकान खरीदारों में 60 फीसदी हिस्सा मिलेनियल्स और जेन जेड का होगा। रियल एस्टेट सेवा फर्म जेएलएल की रिपोर्ट के अनुसार, शहरी क्षेत्रों में मकानों का मालिकाना औसत 2025 तक बढ़कर 72 प्रतिशत हो जाएगा। 2020 में यह 65 प्रतिशत था।
मिलेनियल्स का मतलब उस पीढ़ी से है जो 1980 के शुरू और 1990 के मध्य से 2000 के दशक की शुरुआत में पैदा हुई है। जेन जेड का मतलब 2000 के दशक की शुरुआत के बीच पैदा हुए लोगों से है। जेनरेशन जेड 1990 के दशक के मध्य से लेकर अंत तक और 2010 के दशक की शुरुआत के बीच पैदा हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, सस्ते वित्तपोषण विकल्पों और आवास बाजार में प्रवेश करने वाले युवाओं से रियल एस्टेट को समर्थन मिलेगा। भारत का आवास बाजार 2025 तक अच्छे परिवर्तन के लिए तैयार है, जो तेजी से शहरीकरण, तकनीकी खोजपरक और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं से प्रेरित है। दूसरे और तीसरे स्तर के शहर महत्वपूर्ण विकास केंद्रों के रूप में उभर रहे हैं। इसमें जयपुर, इंदौर और कोच्चि जैसे छोटे शहरी केंद्र 2025 तक 40 प्रतिशत से अधिक नए आवास विकास को बढ़ावा देंगे।
जेएलएल के अनुसार, आवास क्षेत्र से 2025 तक सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 13 प्रतिशत का योगदान हो सकता है। 2030 तक इस क्षेत्र के एक लाख करोड़ डॉलर के होने का अनुमान है। रियल एस्टेट क्षेत्र जनसांख्यिकीय बदलावों, नीति सुधारों और वैश्विक रुझानों से विकसित हो रहा है। 2025 तक ग्रीन प्रमाणित इमारतों की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जो 2020 के 15 प्रतिशत से दोगुनी होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024 में सतत विकास केवल एक चर्चा का विषय नहीं रहा, बल्कि संपत्ति के मूल्यों और खरीदार के निर्णयों को प्रभावित करने वाला एक महत्वपूर्ण कारक भी रहा है। सस्ते आवास की पहलों के साथ स्मार्ट मकानों की मांग से बाजार की रफ्तार बढ़ी है। देश में बजट के अनुकूल आवास एक प्रमुख फोकस बना हुआ है। ऊर्जा और पर्यावरण डिजाइन में नेतृत्व जैसे ग्रीन बिल्डिंग प्रमाणपत्र अब एक नए रूप में उभर रहे हैं। रियल एस्टेट इनको प्राथमिकता दे रहा है। 2023 में बिके मकानों की तुलना में 2024 में 85 प्रतिशत ज्यादा मकान बेचे गए हैं।