महंगाई के दबाव से एफएमसीजी की बिक्री की वृद्धि घटकर 4.3 फीसदी

नई दिल्ली। महंगाई के दबाव के बीच इस साल अगस्त-अक्तूबर के दौरान एफएमसीजी उद्योग की बिक्री में वृद्धि एक साल पहले के 6.4 फीसदी की तुलना में घटकर 4.3 प्रतिशत रह गई है। मई-जुलाई में यह वृद्धि दर 4.5 फीसदी रही थी।

रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त-अक्तूबर में शहरी बाजार में बिक्री में वृद्धि 4.5 प्रतिशत थी, जो 2023 की समान अवधि में 6.9 प्रतिशत रही थी। पिछले पांच वर्षों में इस बार ऐसा हुआ है जब बिक्री की वृद्धि घटकर 5 फीसदी से नीचे आ गई है। इसका कारण शहरी क्षेत्रों से कम मांग है। प्रति परिवार औसत तिमाही खर्च 2022 की अगस्त-अक्तूबर अवधि में पहली बार 6,000 रुपये से ज्यादा था। दो वर्षों में खर्च में 13 प्रतिशत बढ़कर 6,761 रुपये हो गया है।

मई-जुलाई 2024 में एफएमसीजी के लिए खरीदार औसतन 133 रुपये प्रति किलोग्राम का भुगतान कर रहे थे। अगस्त-अक्तूबर में यह बढ़कर 137 रुपये प्रति किलोग्राम हो गया है। हाल के वर्षों में लगातार एक तिमाही में इस तरह की वृद्धि केवल 2022 के शुरुआती महीनों के दौरान देखी गई थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य महंगाई में नरमी के कोई संकेत नहीं अभी नहीं हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में बिक्री केवल चार प्रतिशत बढ़ी है। यह शहरी बाजार की 4.5 प्रतिशत की वृद्धि से भी कम है। उद्योग का अनुमान है कि अगले वर्ष की पहली छमाही में भी विकास का समान स्तर जारी रह सकता है।

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