तेजी से घट रहे हैं खाने-पीने की चीजों के दाम, आगे और राहत

नई दिल्ली। खाने-पीने की वस्तुओं की महंगाई से राहत मिलने लगी है। एक महीने में इनके दाम तेजी से घटे हैं। आगे कीमतों के और ज्यादा घटने की उम्मीद है। इससे नवंबर की खुदरा महंगाई का आंकड़ा जब दिसंबर में जारी होगा, तो उसमें भी गिरावट दिखेगी।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, अक्तूबर की तुलना में नवंबर में खुदरा बाजार में चना दाल का दाम 95.38 रुपये से घटकर 94.46 रुपये प्रति किलो पर आ गया है। अरहर दाल 162 से घटकर 160 रुपये, उड़द दाल 126 से 124.45 रुपये और मूंग दाल की कीमत 116.30 से घटकर 115 रुपये हो गई है। मसूर दाल 90.20 रुपये से घटकर 89.9 रुपये किलो पर आ गई है।

इसी तरह से प्याज के दाम 55 रुपये से घटकर 53 रुपये और टमाटर का भाव 57.47 रुपये से घटकर 53 रुपये किलो पर आ गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा की रिपोर्ट के मुताबिक, 20 में से 13 प्रमुख कमोडिटी का सूचकांक लगातार घट रहा है। यह अक्तूबर में सात फीसदी से घटकर नवंबर में 5.5 फीसदी रह गया है। टमाटर और प्याज की कीमतें घटने से नवंबर की खुदरा महंगाई पांच फीसदी रह सकती है।

रिपोर्ट के अनुसार, प्रमुख कमोडिटी के सूचकांक में अक्तूबर में सरसों तेल की कीमतें 11.4 फीसदी बढ़ी थी जो नवंबर में घटकर 3.61 फीसदी रह गई है। इसी दौरान सोया तेल अक्तूबर में 10.9 फीसदी बढ़ा लेकिन नवंबर में इसकी कीमतें 4.6 फीसदी घटी हैं। मसूर दाल 4.3 फीसदी, मूंग दाल 0.6 फीसदी और प्याज के दाम 4.4 फीसदी घटे हैं। , 2023 के बाद से नवंबर में पहली बार प्याज के दाम घटे हैं। मंडी में टमाटर की आवक नवंबर में 46 फीसदी बढ़ी है।

उपभोक्ता मामलों के विभाग की सचिव निधि खरे कहती हैं कि दालों की कीमतों में कमी मुख्य रूप से बेहतर बुवाई और आयात के कारण हो रही है। खरीफ में अरहर की अच्छी बुवाई हुई है। इससे ज्यादा पैदावार का अनुमान है। इसका आयात भी हुआ है। ऑस्ट्रेलिया से चना का आयात हो रहा था। प्याज की आवक बढ़ी है। सब जगह इसकी उपलब्धता है। खरीफ की आवक बेहतर है। जो देरी से बुवाई हुई है, वो भी अच्छी हैं। ऐसे में हमें उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में दालों के साथ प्याज और टमाटर की कीमतों में और ज्यादा गिरावट आएगी। हालांकि, इनके दाम अब लगातार घटते रहेंगे।

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