धुंध से उत्तर भारत में 34 लाख छोटे कारोबार प्रभावित, 70 लाख कामगारों पर असर

मुंबई- उत्तरी भारत में भारी धुंध के कारण ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रेप-4 लगने से 34 लाख छोटे और मझोले कारोबार प्रभावित हुए हैैं। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली सहित पूरे एनसीआर में 70 लाख कामगारों पर इसका असर पड़ा है। अगर यही हालत लंबे समय तक रही तो छोटे कारोबारियों और कामगारों के लिए वित्तीय समस्या भी हो सकती है।

पीएचडी चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (पीएचडीसीसीआई) के मुताबिक, उत्तरी भारत में भीषण धुंध के कारण कारखाने के उत्पादन पर असर पड़ा है। इससे आपूर्ति श्रृंखला में देरी हुई है। श्रमिकों की काम करने की क्षमता में कमी आई है। इससे उत्पादन लागत में वृद्धि हुई है। चेंबर के अध्यक्ष हेमंत जैन ने बताया, ग्रेप-4 के कारण क्षेत्र में सभी निर्माण गतिविधियां बंद हो गई हैं। इससे औद्योगिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।

चेंबर के मुताबिक,धुंध के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण श्रमिकों के स्वास्थ्य पर अतिरिक्त प्रभाव पड़ने से कारखाने की उत्पादकता प्रभावित हुई है। इससे उत्पादन में देरी हो रही है। उद्योग स्वास्थ्य सुरक्षा उपायों का पालन कर रहा है, बावजूद इसके स्थिति में सुधार कम हो रहा है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) दिल्ली के अध्यक्ष जयदीप आहूजा ने कहा, उद्योग संगठन समस्या के हल के लिए काम कर रहे हैं।

कारोबारियों का कहना है कि अधिकांश क्षेत्रों में घर से काम करना आसान नहीं है। स्वास्थ्य समस्याओं के कारण श्रमिकों की अनुपस्थिति के कारण उत्पादन पर असर पड़ रहा है। गंभीर वायु प्रदूषण की लगातार समस्या बहुराष्ट्रीय कंपनियों और स्टार्टअप द्वारा सेवा क्षेत्र में निवेश को भी प्रभावित कर सकती है।

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली की संयुक्त अर्थव्यवस्था मौजूदा कीमतों पर 2023-24 में 30 लाख करोड़ रुपये है। धुंध के कारण उत्तरी राज्यों की जीएडीपी पर 0.5% से भी कम प्रभाव पड़ेगा।

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