विदेशी निवेशकों ने 6 दिन में बेचे 50,000 करोड़ के शेयर, मार्केट कैप 25 लाख करोड़ घटा

मुंबई- विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार में शेयर बेच रहे हैं। पिछले छह दिन में इन निवेशकों ने 50,000 करोड़ रुपये के शेयर बेच दिए हैं। इस दौरान भारतीय बाजार का मार्केट कैप 25 लाख करोड़ रुपये घट गया है। यह पहले 477 लाख करोड़ रुपये था जो अब 452 लाख करोड़ रुपये रह गया है।

लगातार छह दिनों में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई सेंसेक्स 4,800 अंक टूट गया है। विदेशी निवेशक भारतीय बाजारों से नकदी निकालकर चीन के मार्केट में लगा रहे हैं। अपनी इकॉनमी में जान फूंकने के लिए चीन ने हाल में एक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी।

वैश्विक ब्रोकरेज फर्म CLSA ने भारतीय इक्विटी में अपना इनवेस्टमेंट घटाकर चीन में निवेश बढ़ा दिया है। CLSA ने कहा कि यह भारत के ओवरवेट को 20% से घटाकर 10% करके चीन को 5% ओवरवेट कर रहा है। विदेशी फर्म का कहना है कि तीन वजहों से भारतीय इक्विटी पर असर हो रहा है। इसमें तेल की कीमत, आईपीओ बूम और खुदरा निवेशकों की भूख शामिल है।

चीन के शेयरों में उभरते बाजारों से लिक्विडिटी को खत्म कर रही है। विदेशी निवेशक चीनी इक्विटी में निवेश करने के लिए लाइन में लगे हैं। करीब 2-3 साल के खराब प्रदर्शन के बाद चीन के शेयर बाजारों में तेजी लौट आई है। पिछले हफ्ते निफ्टी में 4.5% की गिरावट आई। इस दौरान एफआईआई ने भारत में 40,500 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेचे। हालांकि सभी ग्लोबल इनवेस्टर्स चीन नहीं जा रही हैं। इनवेस्को, जेपी मॉर्गन, एचएसबीसी और नोमुरा को चीन सरकार के वादों पर संदेह है।

हॉन्ग कॉन्ग और चीन के लिए इनवेस्को के मुख्य निवेश अधिकारी रेमंड मा ने कहा कि शॉर्ट टर्म में चीन के बाजार आकर्षक लग सकते हैं लेकिन अंत में लोग बुनियादी बातों पर वापस लौटेंगे। इस रैली के कारण कुछ स्टॉक जरूरत से अधिक मूल्यवान हो गए हैं। उनकी वैल्यूएशन उनके इनकम परफॉरमेंस से मेल नहीं खाती है।

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