ई-कॉमर्स कंपनियों से छोटी रिटेल दुकानों को खतरा, गोयल ने कहा, इससे बचें
मुंबई- केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां अपने मार्केट को बढ़ाने के लिए जिस तरह से कीमतों में डिस्कॉउंट ऑफर कर रही हैं, वह काफी चिंता का विषय है। यह पारंपरिक रिटेल में रोजगार को नुकसान की वजह भी बन सकती है। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स अहम है, लेकिन इसके फायदे और नुकसान को ध्यान में रखते हुए इसे एक ‘अधिक संगठित’ तरीके से लागू करने की जरूरत है।
गोयल ने ‘भारत में रोजगार और उपभोक्ता कल्याण पर ई-कॉमर्स का नेट प्रभाव’ नामक रिपोर्ट के लॉन्च के दौरान पूछा कि क्या कीमतों को कम करने की ऐस नीतियां देश के लिए अच्छी हैं? उन्होंने बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों की निवेश रणनीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि उनके नुकसान की भरपाई प्रमुख प्रोफेशनल्स और वकीलों को किए गए भारी भुगतान से होती है।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा, ‘जब अमेजन (Amazon) कहता है कि हम भारत में एक अरब डॉलर का निवेश करेंगे, तो हम सब जश्न मनाते हैं, लेकिन हम यह भूल जाते हैं कि यह अरब डॉलर किसी महान सेवा या भारतीय अर्थव्यवस्था को सपोर्ट करने के लिए नहीं आ रहा है। उन्होंने उस वर्ष अपनी बैलेंस शीट में एक अरब डॉलर का नुकसान दर्ज किया। उन्हें उसकी भरपाई करनी ही होगी।’
गोयल ने आगे एमेजॉन के बढ़ते घाटे पर सवाल उठाया। और कहा ‘वह नुकसान कैसे हुआ? उन्होंने प्रोफेशनल्स को 1,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया – मुझे नहीं पता कि ये प्रोफेशनल्स कौन हैं। मैं खुद एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) हूं, मैंने कानून की पढ़ाई की है। मुझे जानना अच्छा लगेगा कौन से CA, प्रोफेशनल, वकीलों को 1,000 करोड़ रुपये मिलते हैं। कंपनियां उन सभी टॉप वकीलों को पेमेंट कर रही हैं, ताकि उनके खिलाफ केस लड़ने वाला ही कोई न रहे।’
गोयल ने कहा, ‘अगर आप एक साल में 6,000 करोड़ रुपये का नुकसान करते हैं, तो क्या यह आप में से किसी के लिए गलत मूल्य निर्धारण की तरह नहीं है? वह नुकसान किस बात पर हुआ? आखिरकार, वे एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म हैं, उन्हें कानूनी तौर पर B2C (बिजनेस टु कॉमर्स) करने की अनुमति नहीं है। ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म कानूनी तौर पर उपभोक्ता से व्यापार (पर B2C) नहीं कर सकता।’