एचडीएफसी और ए्क्सिस के बाद अब क्वांट म्यूचुअल फंड में फ्रंट रनिंग, सेबी ने मारा छापा
मुंबई- एचडीएफसी और एक्सिस म्यूचुअल फंड के बाद अब क्वांट फंड हाउस फ्रंट रनिंग के मामले में घिर गया है। मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया यानी सेबी (SEBI) ने संदीप टंडन के मालिकाना हक वाले क्वांट म्यूचुअल फंड (Quant Mutual Fund) पर फ्रंट-रनिंग के संदेह में तलाशी और जब्ती ऑपरेशन चलाया है। तलाशी और जब्ती ऑपरेशन दो जगहों मुंबई और हैदराबाद में चलाया गया।
एक सूत्र ने पुष्टि की कि क्वांट म्यूचुअल फंड के मुंबई मुख्यालय के अलावा हैदराबाद में भी छापेमारी की गई है। शुक्रवार को क्वांट डीलर्स और मामले से जुड़े लोगों से भी पूछताछ की गई। ऑपरेशंस से प्रॉफिट लगभग 20 करोड़ रुपये है और सेबी ने अपनी निगरानी टीम द्वारा संदिग्ध ट्रेडिंग पैटर्न को पकड़ने के बाद फंड हाउस के ऑपरेशन पर गौर करना शुरू कर दिया है।
क्वांट म्यूचुअल फंड की स्थापना संदीप टंडन ने की है। इस फंड को 2017 में सेबी से म्यूचुअल फंड लाइसेंस मिला। यह देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाला म्यूचुअल फंड रहा है, जिसकी एसेट्स 2019 में 100 करोड़ रुपये से बढ़कर वर्तमान में 90,000 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई है। 26 स्कीम्स और 54 लाख फोलियो के पोर्टफोलियो के साथ इस साल जनवरी में इसने 50,000 करोड़ रुपये की एसेट्स को पार कर लिया।
बता दें कि फ्रंट रनिंग का मतलब ऐसी अवैध गतिविधि से है, जहां फंड मैनेजर/डीलर/ब्रोकर को आने वाले बड़े ट्रेड के बारे में पता होता है और इस आधार पर वे पहले ऑर्डर करते हैं और प्रॉफिट कमाते हैं। मार्केट रेगुलेटर सेबी फ्रंट रनिंग को खत्म करने के लिए म्यूचुअल फंडों पर आक्रामक तरीके से कार्रवाई कर रही है।
गौरतलब फंड के मैनेजर या कंपनी के फर्जीवाड़े से निवेशकों को नुकसान हो सकता है। फर्जीवाड़ा की वजह से ऐसे फंड की रिलायबिलिटी गिर जाएगी और निवेशक उससे पैसे निकाल सकते हैं।
इससे पहले सेबी ने एचडीएफसी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) फ्रंट-रनिंग मामले में चार संस्थाओं पर कुल 2 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया। नियामक ने नीलेश कपाड़िया और धर्मेश शाह पर 50-50 लाख रुपये, अशोक नायक पर 40 लाख रुपये और आईकेएबी सिक्योरिटीज एंड इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड पर 60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। अक्टूबर 2006 से जून 2007 की जांच अवधि के दौरान कपाड़िया ने, जो जून 2000 से 2010 के बीच एचडीएफसी एएमसी के साथ इक्विटी डीलर थे, धर्मेश शाह को एचडीएफसी एएमसी के आगामी सौदों के बारे में जानकारी दी थी।
धर्मेश शाह ने एचडीएफसी एएमसी के 109 फ्रंट-रनिंग ट्रेडों को सुगम बनाया। ये फ्रंट-रनिंग ट्रेड नायक और आईकेएबी सिक्योरिटीज एंड इन्वेस्टमेंट्स के डीलरों में से एक बंकिम शाह के ट्रेडिंग खातों में निष्पादित किए गए थे।
इससे पहले एक्सिस म्यूचुअल फंड के पूर्व मुख्य डीलर वीरेश जोशी और 20 अन्य संस्थाओं को फ्रंट रनिंग गतिविधियों में शामिल होने के कारण प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया है। नियामक ने आरोप लगाया कि इन संस्थाओं ने सामूहिक रूप से अपनी व्यापारिक गतिविधियों से 30.56 करोड़ रुपये का गलत लाभ कमाया, जिसे उसने जब्त करने का निर्देश दिया है।
नियामक ने आरोप लगाया कि जोशी ने अपने नियोक्ता एक्सिस म्यूचुअल द्वारा आसन्न बड़े ट्रेडों की जानकारी अपने सहयोगियों को दी, जिन्होंने फंड हाउस द्वारा लेनदेन निष्पादित करने से पहले पोजीशन ले ली। सेबी ने कहा कि जोशी, जो फंड हाउस की व्यापारिक जानकारी से वाकिफ था, जिसमें ऑर्डर का आकार और समय शामिल था, जो सार्वजनिक डोमेन में नहीं था, वह आने वाले ट्रेड ऑर्डर के बारे में गोपनीय जानकारी अपने जुड़े हुए लोगों को देता था।