परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत चार साल में 2.4 फीसदी घटी, 5.2 फीसदी हुई
मुंबई- देश के परिवारों की शुद्ध वित्तीय बचत पिछले चार वर्षों में 2.4 फीसदी घट गई है। हालांकि, इसी दौरान उनकी भौतिक संपत्तियों में तेजी आई है।
आरबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-20 में परिवारों की सकल वित्तीय बचत ग्रॉस नेशनल डिस्पोजेबल इनकम (जीएनडीआई) की तुलना में 11.4 फीसदी थी जो 2023-24 में घटकर 10.9 फीसदी रह गई। इसी दौरान शुद्ध वित्तीय बचत भी 7.6 फीसदी से घटकर 5.2 फीसदी पर आ गई।
रिपोर्ट के अनुसार, सकल वित्तीय बचत 2020-21 में 15.2 फीसदी रही जबकि 2021-22 में यह घटकर 10.9 फीसदी रह गई थी। शुद्ध वित्तीय बचत भी इसी दौरान 11.6 फीसदी से घटकर 7.2 फीसदी पर चली गई। भौतिक संपत्तियों में बचत 2019-20 में जीएनडीआई का 11 फीसदी रही जो 2020-21 में घटकर 10.6 फीसदी रह गई। 2021-22 में यह बढ़कर 12.4 फीसदी और पिछले वित्त वर्ष में 12.7 फीसदी पर पहुंच गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सक्रिय किसान क्रेडिट कार्ड यानी केसीसी की कुल संख्या 2022-23 में 2.83 करोड़ थी जो 2023-24 में बढ़कर 2.98 करोड़ पर पहुंच गई। इसी दौरान इस पर बकाया रकम 5.19 लाख करोड़ से 10.9 फीसदी बढ़कर 5.75 लाख करोड़ रुपये हो गई। सबसे ज्यादा कर्ज फसल के लिए लिया गया है। 2022-23 में कुल 4.61 लाख करोड़ रुपये का फसल लोन लिया गया था, जो पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर 4.93 लाख करोड़ रुपये हो गया।
वित्त वर्ष 2023-24 में आरबीआई ने तमाम नियमों के उल्लंघन के मामले में बैंकों पर 281 कार्रवाई की है। इसके एवज में 86.11 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। 16 बार सरकारी बैंकों पर हुई। इन पर जुर्माना 23.68 करोड़ रुपये लगा। निजी बैंकों पर 12 बार कार्रवाई हुई, लेकिन जुर्माने की रकम 24.90 करोड़ रुपये रही। सहकारी बैंकों पर 215 बार कार्रवाई की गई और 12 करोड़ का दंड लगाया गया। एनबीएफसी पर 22 कार्रवाई में 11.53 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा