पहली बार…भारतीय शेयर बाजार का मार्केट कैप 5 लाख करोड़ डॉलर के पार
मुंबई- भारतीय शेयर बाजार ने पहली बार 5 लाख करोड़ डॉलर की पूंजी का रिकॉर्ड बनाया है। मंगलवार के कारोबार के समय बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज यानी बीएसई पर सूचीबद्ध सभी कंपनियों की पूंजी पांच लाख करोड़ डॉलर के पार पहुंच गई। हालांकि, बाजार बंद होते समय यह 4.97 लाख करोड़ डॉलर पर आ गई।
पांच लाख करोड़ डॉलर में भारत के पहले अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग हैं। इस आधार पर हमारा बाजार दुनिया में पांचवें स्थान पर है। रुपये में भी यह रिकॉर्ड 414.65 लाख करोड़ रुपये के पार चली गई। गौरतलब है कि सोमवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि चार जून को आने वाले चुनावी नतीजों के बाद शेयर बाजार सारे रिकॉर्ड तोड़ देगा।
मोदी के बयान के बाद मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स हालांकि 53 अंक गिरकर 74,000 के नीचे बंद हुआ, लेकिन सरकारी कंपनियों के शेयर 14 फीसदी तक उछल गए। इस वजह से बाजार पूंजी भी रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। शनिवार को विशेष कारोबारी सत्र में पूंजी पहली बार 412 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंची थी। सोमवार को बाजार लोकसभा चुनाव की वजह से बंद था।
मंगलवार को जिन सरकारी कंपनियों के शेयर तेजी में रहे, उनमें आईआरएफसी का शेयर दिन में करीब 5 फीसदी तक बढ़कर 182 रुपये तक चला गया। आरवीएनएल का शेयर 15 फीसदी तक बढ़कर 345 रुपये पर चला गया जो एक साल का रिकॉर्ड है। कोचिन शिपयार्ड 10 फीसदी उछलकर एक साल के ऊपरी स्तर 1,696 रुपये पर पहुंच गया। भारत डायनॉमिक्स 8 फीसदी बढ़कर 2,689 रुपये पर चला गया। इसका भी यह एक साल का रिकॉर्ड है।
इरकॉन का शेयर दिन में 8 फीसदी तक उछलकर एक साल के ऊपरी स्तर 301 रुपये पर चला गया। ऑयल इंडिया का शेयर 5 फीसदी तेजी में रहा। यह 671 रुपये पर पहुंचा, जो एक साल का ऊपरी स्तर है। एसजेवीएन का शेयर 11 फीसदी उछलकर 151 रुपये तक चला गया। आरईसी के शेयर में मामूली तेजी रही।
बाजार में लगातार तेजी की वजह से महज छह महीने में ही पूंजी एक लाख करोड़ डॉलर यानी 83 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बढ़ गई। यह तब हुआ है जब विदेशी संस्थागत निवेशक लगातार शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं। इस साल में अब तक इन निवेशकों ने बाजार से शुद्ध रूप से 26,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी है। अकेले मई में ही शुद्ध रूप से 28,000 करोड़ रुपये निकाले हैं। मार्च में इन्होंने 35,000 करोड़ से ज्यादा के शेयर खरीदे थे।