मुकेश अंबानी की रिलायंस व लार्सन मिलकर करेंगी एक लाख करोड़ का निवेश
मुंबई- मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) और लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के साथ-साथ ऊर्जा कंपनियां ग्रीनको ग्रुप और वेलस्पन न्यू एनर्जी गुजरात के कांडला में दीनदयाल पोर्ट अथॉरिटी (DPA) में बड़े पैमाने पर ग्रीन एनर्जी में निवेश की तैयारी में हैं।
सूत्रों के मुताबिक ये कंपनियां वहां ग्रीन हाइड्रोजन और ग्रीन अमोनिया यूनिट स्थापित करेंगी। इस प्रोजेक्ट पर एक लाख करोड़ रुपये तक का निवेश हो सकता है। यह भारत में इस क्षेत्र और एनर्जी इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। पोर्ट अथॉरिटी को पिछले साल अक्टूबर में 300 एकड़ के 14 लैंड पार्सल के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट प्राप्त हुए थे। प्रत्येक लैंड पार्सल को सालाना 10 लाख टन (MTPA) ग्रीन अमोनिया के लिए निर्धारित किया गया है। सूत्रों के मुताबिक पिछले महीने DPA ने चार कंपनियों को भूखंड आवंटित कर दिए।
DPA ने कुल 4,000 एकड़ भूमि के साथ 14 भूखंडों की पेशकश की। इसमें से रिलायंस को छह भूखंड आवंटित किए गए हैं। L&T को पांच, ग्रीनको ग्रुप को दो और वेलस्पन न्यू एनर्जी को एक भूखंड आवंटित किया गया है। इन चार कंपनियों ने नीलामी में सबसे अधिक बोली लगाई थी। आम चुनाव से पहले आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण इस जानकारी को सार्वजनिक नहीं किया गया है।
सूत्रों का कहना है कि चुनाव के बाद जून में इस बारे में औपचारिक घोषणा की जाएगी। कांडला पोर्ट में 7 MTPA ग्रीन अमोनिया और 1.4 MTPA ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य है। कच्छ की खाड़ी में स्थित, DPA देश के पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाहों में से एक है।
ग्रीन हाइड्रोजन (GH2) को रिन्यूएबल एनर्जी स्रोतों से प्राप्त बिजली का उपयोग करके पानी को इलेक्ट्रोलाइज करके बनाया जाता है। इसमें किसी भी ग्रीनहाउस गैस का उत्सर्जन नहीं होता है। यह ग्रीन हाइड्रोजन को फ्यूल बनाने के वैश्विक प्रयास का एक हिस्सा है। यह दुनिया को नेट-जीरो एमिशन लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
अमोनिया ग्रीन हाइड्रोजन के लिए सबसे बड़ा एंड-यूजर सेगमेंट है और बड़े पैमाने पर GH2 के उत्पादन में अहम भूमिका निभाता है। नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन के हिस्से के रूप में मिनिस्ट्री ऑफ पोर्ट्स, शिपिंग एंड वॉटलेज ने ऐसे तीन बंदरगाहों की पहचान की है जिन्हें 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन का हब बनाया जाना है। इनमें DPA के अलावा ओडिशा में पारादीप और तमिलनाडु में चिदंबरनार पोर्ट शामिल हैं।