हॉस्पिटालिटी और पर्यटन क्षेत्र में सात साल में पैदा होंगे पांच करोड़ रोजगार
मुंबई- हॉस्पिटालिटी और पर्यटन क्षेत्र में अगले पांच से सात वर्षों में पांच करोड़ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। हालांकि, इसके लिए राज्यों में पूर्ण उद्योग और बुनियादी ढांचे का दर्जा प्राप्त करने के लिए सरकारी समर्थन की जरूरत है। एचएआई के मुताबिक, हॉस्पिटालिटी क्षेत्र को बुनियादी ढांचे का दर्जा मिलने से आवास निर्माण के लिए निवेश बढ़ेगा। साथ ही, आय और रोजगार सृजन को भी मदद मिल सकती है।
होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) के अध्यक्ष पुनीत चटवाल ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा, पर्यटन विकास का एक स्तंभ है। कुल रोजगार में करीब 10 फीसदी योगदान है। सकल घरेलू उत्पाद में आठ फीसदी योगदान है। पिछले दो वर्षों में इस क्षेत्र में भर्तियों में 2.71 गुना का उछाल आया है।
एचएआई के अधिकारियों ने कहा, अब हमें न केवल उच्च स्तर पर बल्कि प्रवेश स्तर पर भी पर्यटन के विकास पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। इस फोकस को बनाए रखना होगा। यदि हम ऐसा नहीं करते हैं तो हम सेवा नहीं दे पाएंगे।
भारत के जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा, हॉस्पिटालिटी और पर्यटन क्षेत्र की कंपनियां बुनियादी ढांचे के दर्जे की मांग के साथ यह भी बताए कि 2030 तक 2.5 करोड़ नौकरियां पैदा होंगी। पर्यटन क्षेत्र उद्योग का दर्जा मांगने के साथ राजनेताओं को यह बताने में विफल रहा कि यह नौकरियों का एक बड़ा निर्माता है।
एचएआई के अधिकारियों ने कहा, हमारे पास उद्योग का दर्जा है, लेकिन इसमें कई सीमाएं हैं जो 12 साल पहले लगाई गई थीं। राज्य स्तर पर उद्योग का दर्जा इस क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी बनाए रखने में भी मदद करेगा। 11 राज्यों ने उद्योग का दर्जा दिया है, लेकिन कार्यान्वयन में अंतर है।