कच्चा तेल 38 प्रतिशत सस्ता, ग्राहकों को लाभ नहीं, कंपनियों का मुनाफा 69,000 करोड़
मुंबई- कच्चा तेल पिछले दो साल में 38 प्रतिशत सस्ता हुआ है। बावजूद इसके खुदरा ग्राहकों को घरेलू बाजार में कोई राहत नहीं मिली है। तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस दौरान जस का तस रखकर चालू वित्त वर्ष के नौ माह में 69,000 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाई हैं। यह कंपनियां सस्ता कच्चा तेल खरीद कर महंगे भाव पर पेट्रोल और डीजल बेच रही हैं।
पेट्रोल और डीजल की कीमतों में करीब दो साल से कोई बदलाव नहीं हुआ है। इन कंपनियों का अनुमान था कि 2023-24 में कुल सालाना 39,356 करोड़ का मुनाफा होगा। हालांकि, नौ माह में ही उससे ज्यादा लाभ कमा लिया है। तीन सरकारी कंपनियों इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन 90 फीसदी बाजार पर काबिज हैं।
तीनों कंपनियों ने पहली दो तिमाहियों (अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर) में रिकॉर्ड कमाई दर्ज की। आंकड़े बताते हैं कि इन कंपनियों ने कोरोना से पहले जितनी कमाई की थी, उससे भी ज्यादा कमाई इस बार की है। इंडियन ऑयल ने 2021-22 के 9 माह में 24,184 करोड़ और 2020-21 के 9 माह में 21,836 करोड़ रुपये मुनाफा कमाया था।
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि (बीपीसीएल) को 2022-23 के नौ माह में 1,870 करोड़ और 2022-23 में 8,789 करोड़ का लाभ हुआ था। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (एचपीसीएल) को 2022-23 के नौ माह में 11,851 करोड़ और 2020-21 में 6,382 करोड़ का फायदा हुआ था।
तेल कंपनियों ने छह अप्रैल, 2022 से कीमतों को यथावत रखा है। उन्हें 24 जून, 2022 के समाप्त हफ्ते में पेट्रोल पर 17.40 रुपये और डीजल पर 27.70 रुपये प्रति लीटर का घाटा हो रहा था।
कच्चा तेल जून, 2022 में 120 डॉलर प्रति बैरल पर था। अब यह घटकर 77 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया है। इसी दौरान पेट्रोल 95 रुपये पर और डीजल 89 रुपये पर स्थिर रहा। पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के बीच इंडियन ऑयल का मुनाफा 34,781 करोड़ रुपये रहा जबकि बीपीसीएल का 22,449 करोड़ और एचपीसीएल का मुनाफा 11,581 करोड़ रुपये रहा। मजे की बात यह है कि इन कंपनियों ने जितना 9 महीने में फायदा कमाया, उतना तो पिछले एक वित्त वर्ष यानी 2022-23 में भी नहीं कमाया था।