2023 में भारतीय टेक स्टार्टअप को मिलने वाले फंड में 72 पर्सेंट की गिरावट
मुंबई- भारतीय टेक स्टार्टअप लंबे समय से फंडिंग में गिरावट का सामना कर रहे हैं। 2023 में फंडिंग 72% की गिरावट के साथ पांच साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है। डेटा इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म ट्रैक्सन की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्टार्टअप्स को केवल 7 अरब डॉलर ही हासिल हुए, जो पिछले साल के 25 अरब डॉलर से काफी कम है।
रिपोर्ट में सभी स्टार्टअप स्टेज में फंडिंग में गिरावट देखी गई। लेट-स्टेज फंडिंग में 73% से अधिक की गिरावट आई, शुरुआती स्टेज की फंडिंग में 70% की गिरावट आई, और सीड-स्टेज फंडिंग में 60% की गिरावट आई। नतीजतन, भारत 2023 में सबसे ज्यादा फंडेड क्षेत्रों की वैश्विक रैंकिंग में 5वें स्थान पर फिसल गया।
रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछली तिमाही (Q4) में अब तक की सबसे कम फंडिंग थी। यह 2016 की तीसरी तिमाही के बाद से सबसे कम फंडिंग वाली तिमाही है। फंडिंग में गिरावट मुख्य रूप से लेट-स्टेज फंडिंग में महत्वपूर्ण गिरावट के कारण हुई है, जो 2022 में 15.6 बिलियन डॉलर से 73% से अधिक घटकर 2023 में 4.2 अरब डॉलर हो गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि रिकॉर्ड किए गए 10 करोड़ डॉलर से ज्यादा राउंड की संख्या केवल 17 रही, जो पिछले साल की तुलना में 69 प्रतिशत कम है।
स्मार्टफोन की बढ़ती पहुंच और कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में सरकार की पहल से प्रेरित फिनटेक को 2023 में अब तक 2.1 बिलियन डॉलर की फंडिंग मिली है, जो पिछले साल की समान अवधि से 5.8 बिलियन डॉलर कम है। लीडिंग पेमेंट कंपनी फोनपे ने कुल 75 करोड़ डॉलर हासिल करके इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा फंडिंग उठाने वाली फर्म के रूप में अपना स्थान बरकरार रखा है।
पिछले वर्ष के 23 की तुलना में इस वर्ष केवल दो यूनिकॉर्न (1 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य वाले स्टार्टअप) – इनक्रेड और जेप्टो के साथ इस क्षेत्र को एक महत्वपूर्ण झटका लगा। यह ट्रेंड कंपनियों के लिए पर्याप्त वैल्यूएशन और ग्रोथ हासिल करने के लिए चल रही चुनौतियों का संकेत देती है। हालांकि, Tracxn की को-फाउंडर नेहा सिंह जैसे एक्सपर्ट आशावादी बने हुए हैं।
रिपोर्ट में IPO में मजबूत गति पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें 2023 में अब तक 18 तकनीकी कंपनियां आईपीओ ला चुकी हैं, जबकि 2022 में 19 कंपनियां आईपीओ लाई थीं। इस साल उल्लेखनीय तकनीकी आईपीओ में आईडियाफोर्ज, यात्रा और आइकियो लाइटिंग शामिल हैं।