बाजार के हर चक्र में आईसीआईसीईआई प्रूडेंशियल के बैफ का शानदार प्रदर्शन
मुंबई- बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (बैफ) म्यूचुअल फंड का एक ऐसा बेहतरीन उत्पाद है, जो बाजार के हर चक्र में अच्छा प्रदर्शन करने की ताकत रखता है। इक्विटी बाजार में हर स्तर पर प्रवेश करने वाले निवेशकों के लिए प्रमुख चिंता यह रहती है कि क्या इस समय पैसा लगाया जाए? खासकर तब यह चिंता और बढ़ जाती है जब बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर हो, जैसा कि पिछले हफ्ते हमने देखा है।
यहीं से बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (बैफ) की शुरुआत होती है, जो इन सभी का जवाब देता है। यह म्यूचुअल फंड का एक ऐसा उत्पाद है, जो इक्विटी और डेट दोनों का मिला जुला रूप होता है। बाजार की स्थितियों, ब्याज दरों और व्यापक आर्थिक स्थितियों के आधार पर इक्विटी और डेट के बीच बैफ में बदलाव होते रहता है, जिससे निवेशकों को बाजार के हर चक्र में किसी नुकसान से बचाने में मदद मिलती है।
व्यापक आर्थिक और कई देशों के बीच चल रहे तनाव जैसे कारकों पर विचार करने के साथ एक आम निवेशक के लिए इक्विटी और डेट के बीच आवंटन करना मुश्किल हो जाता है। ब्याज दरें नई ऊंचाई पर होने के कारण, सही बांड रणनीति तय करना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे माहौल में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज जैसे फंड ने पिछले एक दशक से भी अधिक समय में इक्विटी या डेट से अंदर और बाहर जाने के कार्य को चतुराई से प्रबंधित किया है।
यह फंड इक्विटी के लिए एक सख्त इन-हाउस वैल्यूएशन मॉडल का पालन करता है, ताकि यह तय किया जा सके कि स्टॉक महंगे हैं या सस्ते। जब मार्च 2020 में महामारी के तुरंत बाद सेंसेक्स में भारी गिरावट आई और यह 29,000 से नीचे पहुंच गया तो फंड ने इक्विटी में शुद्ध निवेश बढ़ाकर 73.7 फीसदी कर दिया। नवंबर 2021 तक जब बाजार 60,000 से अधिक के स्तर तक पहुंच गया था तब बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने अपनी शुद्ध इक्विटी को 30 फीसदी से कम कर दिया। मई 2023 तक बैफ का शुद्ध इक्विटी निवेश 39.7 फीसदी रहा है।
बैलेंस्ड एडवांटेज फंडों की यह रणनीति होती है कि जब बाजार नीचे हो तो सस्ते में शेयर खरीदे जाएं और जब बाजार ऊपर हो तो उसे महंगे में बेचकर निकल जाएं। इसने निवेशकों को महंगे बाज़ारों के दौरान मुनाफ़ा कमाने में भी मदद मिलती है, जिससे पोर्टफोलियो को बाद के बाजार में मंदी से बचाया जा सके। ध्यान देने वाली बात यह है कि हालांकि शुद्ध इक्विटी एक्सपोजर 30 फीसदी के स्तर तक नीचे जा सकता है, लेकिन आम तौर पर इक्विटी में निवेश 65 फीसदी और उससे अधिक पर बनाए रखा जाता है।
आंकड़े बताते हैं कि आईप्रू के बैफ ने 10 सालों में 13.5 फीसदी की दर से रिटर्न दिया है। एक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड में निवेश करने से, यह उम्मीद की जाती है कि इसका रिटर्न महंगाई को मात देगा। डेट रिटर्न से बेहतर होगा। लेकिन लंबी अवधि में इक्विटी रिटर्न से थोड़ा कम होगा।
लार्ज और मिडकैप इक्विटी योजनाएं भी आपके पोर्टफोलियो में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जो निवेशक स्थिरता और विकास चाहते हैं वे लार्ज यानी बड़ी कंपनियों और मिडकैप फंड यानी मध्यम आकार की कंपनियों के शेयरों में निवेश पर विचार कर सकते हैं। इस स्कीम का एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है और यह भारत की विकास गाथा का लाभ उठाने और आपके लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करने के लिए अच्छी स्थिति में है।